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दक्षिण भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आज से बैंगलोर में दो दिन का सम्मेलन शुरू

हर्षा चंदवानी | Principal Correspondent
Updated Oct 28, 2021 | 11:17 IST

दक्षिण भारत में पर्यटन देने को बढ़ावा देने के लिए आज से दो दिनों का सम्मेलन शुरू हो गया है।

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मुख्य बातें
  • कोविड-19 के बाद पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश तेज
  • कर्नाटक में दो दिन का सम्मेलन
  • संस्कृति मंत्रालय कर रहा है आयोजन

कोविड-19 के बाद पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कर्नाटक के बैंगलोर में दो दिन 28 और 29 अक्टूबर को संस्कृति मंत्रालय द्वारा दक्षिणी भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने और कौशल विकास के ज़रिए पर्यटन को कोविड के बाद लोगों के लिए सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से ये दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा हैं , इस सम्मेलन में पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी किशन रेडी , कर्नाटक के मुख्यमंत्री ,मंत्रालय के राज्य मंत्री , डीडीजी पर्यटन और दक्षिण भारत के पाँच स्टेट्स तेलंगाना , केरला , तमिलनाडु ,पांडिचेरी, कर्नाटक और लक्षद्वीप इन राज्यों के पर्यटन मंत्री और तमाम अधिकारी मौजूद हैं ।

पर्यटन के मुद्दे पर मीटिंग
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में दक्षिण भारत में पर्यटन पर महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय पर्यटन मंत्री और कर्नाटक के मुख्यमंत्री द्वारा की जाएगी। जिसमें पर्यटन राज्यमंत्री, रेल ,सड़क ,पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे।

इस सम्मेलन में ट्रैवल ट्रेड से जुड़े तमाम स्टेकहोल्डर्ज़ सीधा समन्वय साधेंगे राज्य और केंद्र के पर्यटन मंत्रियो और अधिकारियों से जिसमें दक्षिण भारत में ट्रैवल को लोगों के लिए और कैसे सुगम बनाया जाए इसपर चर्चा होगी ।

दक्षिण भारत के राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा
दरअसल केंद्र सरकार की कोशिश है कि दक्षिण भारतीय राज्यों में महामारी के बाद टूरिज्म को बूस्ट देने के लिए रेलवे ,क्रुज ,हवाई और सड़क मार्ग का सहारा लिया जाए। यह पूरा कार्यक्रम ' देखो अपना देश' इनीशिएटिव के तहत हो रहा है।इसके जरिए इको टूरिज्म, धार्मिक यात्रा, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटन क्षेत्रों को बढ़ावा देना और टूरिज्म के जरिए रोजगार के अवसर पैदा करने पर बल दिया जाएगा।

इसमें कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर वैक्सीनेशन को भी तरजीह दी जाएगी। दरअसल लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान टूरिज्म, ट्रैवल और होटल इंडस्ट्री को हुआ था। इसे उभारने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर बड़ी योजना पर काम कर रही है।

ग़ौरतलब हैं कि दक्षिणी भारत में टूरिज्म की अपार सम्भावनाएं हैं और पर्यटन की दृष्टि से दक्षिण भारत में कई धार्मिक टूरिस्ट साइट्स से लेकर पौराणिक टूरिज्म, इको टूरिज्म जैसी चीजें हमेशा से आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं । और इसको कोविड के बाद कैसे और बूस्ट किया जाए और इस जुड़ी परेशानियो को दूर किया जाए इस सम्मेलन में इस पर ज़ोर दिया जाएगा ।

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