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Indian Missile System: भारत की वो पांच खतरनाक मिसाइलें, जो हर दुश्मन को चटा सकती है धूल

Updated Oct 22, 2020 | 12:02 IST

भारत और चीन के बीच चल रहे मौजूदा तनाव के बीच भारत लगातार अपने सामरिक जरूरतों को भी पूरा कर रहा है। इस कड़ी में भारत ने कई अहम मिसाइलों का भी परीक्षण किया है।

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भारत की वो खतरनाक मिसाइलें, जो हर दुश्मन को चटा सकती हैं धूल
मुख्य बातें
  • देश के पास जल, नभ और थल से मार करने वाली कई मिसाइलें हैं मौजूद
  • कुछ मिसाइलों की रफ्तार आवाज की गति से भी तेज है
  • ब्रह्मोस हो या अग्नि, या फिर पृथ्वी, सब देश की सुरक्षा के लिए हमेशा हैं तैयार

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच पिछले काफी समय से सीमा पर तनाव चल रहा है। इस तनाव के बीच दोनों देश अपनी सामरिक शक्ति को लगातार मजबूत कर रहे हैं। अपनी सामरिक रणनीति को मजबूत करते हुए भारत ने पिछले डेढ़ महीने के दौरान कम से कम 12 मिसाइल परीक्षण या सिस्टम परीक्षण किया है।  रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ)  लगातार स्वदेशी तकनीक से मिसाइलें तैयार कर रहा है जो आत्मनिर्भर भारत की तरफ से एक कदम है। इन सबके बीच हम आपको भारत की उन पांच मिसाइलों के बारे में बता रहे हैं जिनका खौफ दुश्मन पर साफ नजर आता है।

अग्नि -5

भारत के खतरनाक मारक हथियारों में शामिल अग्नि सीरीज की मिसाइलें हैं जिन्हें दूसरे शब्दों में भारत का ब्रह्मास्त्र कहा जाता है। इस सीरीज की 5 मिसाइलें हैं जिनमें अग्नि-V की मारक क्षमता करीब 5 से 7 हजार किलोमीटर तक है। यह एक बैलेस्टिक मिसाइल है जो करीब एक टन का पे-लोड ले जाने में में सक्षम हैं और इस मिसाइल के खुद के वजन की बात करें तो अग्नि 5 मिसाइल का वजन करीब 50 टन है। डीआरडीओ के अधिकारियों के मुताबिक इस मिसाइल को लक्ष्य बिंदु को सटीकता से भेदने के लिए डिजाइन किया गया है। यह मिसाइल उसमें लगे कंप्यूटर से निर्देशित होती है।

ब्रह्मोस मिसाइल
ब्रह्मोस एक क्रूज और सोपरसोनिक मिसाइल है जिसके दुनिया की सबसे तेज मिसाइल कहा जाता है। यह भारत और रूस द्वारा विकसित की गई है। यह ऐसी क्रूज मिसाइल है जिसे थल, जल और हवा से दागा जा सकता है। इसकी मारक क्षमता अचूक है। ऐसी मिसाइल पाकिस्तान तो दूर, चीन के पास तक नहीं है। इसकी मारक क्षमता करीब 400 किलोमीटर है जिसे बढ़ाने पर काम जारी है। इसकी जद में पूरा पाकिस्तान आ सकता है। इस मिसाइल की खासियत ये है कि इसे जल, थल और नभ कहीं से भी किसी भी मौसम में दागा जा सकता है और रैमजेट इंजन की मदद से मिसाइल की क्षमता में कई गुना तक इजाफा भी किया जा सकता है। इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है।

पृथ्वी मिसाइल
पृथ्वी सीरीज की भारत के पास तीन मिसाइलें हैं जो बैलेस्टिक मिसाइलों की श्रेणी में आती हैं। पृथ्वी 2 भारत द्वारा स्वदेशीय निर्मित, ज़मीन से ज़मीन पर मार करने वाली मिसाइल है। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम यह मिसाइल 500 से हजार किलोग्राम तक युद्ध सामाग्री ले जा सकती है जिसकी मारक क्षमता 400 किलोमीटर तक है। यह डीआरडीओ द्वारा निर्मित पहली मिसाइल है। सतह से सतर पर मार करने वाली इस मिसाइल में तरल ईंधन वाले दो इंजन लगाए गए हैं।

आकाश मिसाइल
आकाश मिसाइल एक मध्‍यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जो भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करती है। इस मिसाइल को  रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है। अचूक निशाने में माहिर यह मिसाइल आसमान में 18,000 मीटर की ऊंचाई पर मंडराते किसी भी खतरे पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। ये क्रूज मिसाइल हवा से सतह के साथ-साथ बैलेस्टिक मिसाइलों को भी हवा में मार सकती है। प्रतिघंटा 4 हजार किलोमीटर तक की रफ्तार से यह दुश्मन के लक्ष्य को भेद सकती है।

के सीरीज की मिसाइलें
के सीरीज की मिसाइलें मुख्य रूप से नौसेना की ताकत को मजबूती प्रदान करती हैं। इन्हें रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने स्वदेशी तकनीक से विकसित किया है। पनडुब्बियों से प्रक्षेपित होने वाली ये मिसाइलें जमीन से लांच की जाने वाली मिसाइलों के मुकाबले हल्की और छोटी होती हैं जिन्हें पानी के अंदर से प्रेक्षिपित किया जा सकता है। इसकी मारक क्षमता 3500 किलोमीटर तक है। 

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