- लॉकडाउन के बीच 15 मई को खुलेंगे बाबा बदरीनाथ के कपाट
- उपजिलाधिकारी के मुताबिक, मुख्य पुजारी सहित 27 लोगों को होगी मंदिर में जाने की अनुमति
- आम श्रद्धालु फिलहाल नहीं कर पाएंगे भगवान के दर्शन
जोशीमठ (उत्तराखंड): कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच 15 मई से उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुल जाएंगे। इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से फिलहाल कुछ ही लोगों को अनुमति होगी। जोशीमठ के उप जिलाधिकारी (सब डिविजनल मजिस्ट्रेट) अनिल चन्याल के मुताबिक, 15 मई को जब कपाट खुलेंगे तो मुख्य पुजारी सहित केवल 27 लोगों को बद्रीनाथ जाने की अनुमति होगी। इस दौरान किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में आने की इजाजत नहीं होगी।
कोई भी श्रद्धालु नहीं कर पाएगा फिलहाल दर्शन
चन्याल के अनुसार लॉकडाउन के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उपजिलाधिकारी के नियम से साफ है कि कोई भी आम हो या खास श्रद्धालु वो कपाट खुलने के दिन भगवान के दर्शन नहीं कर पाएगा। मंदिर के मुख्य पुजारी रावल के अलावा धर्माधिकारी से मंदिर से जुड़े लोग इस दौरान मौजूद रहेंगे।
मुख्य पुजारी को ऋषिकेश में किया गया था क्वारंटीन
कपाट खुलने से पहले मंदिर में पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। बिजील और पानी की सुविधा शुरू कर दी गई है। मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी जोशीमठ पहुंच चुके हैं। दरअसल रावल लॉकडाउन की वजह से केरल में फंस गए थे। बाद में वो किसी तरह ऋषिकेश पहुंचे और वहां उन्हें 14 दिन क्वारंटीन में रखा गया और इसके बाद उन्हें जोशीमठ लाया गया। यहां पर वह दो दिन तक भगवान नरसिंह के मंदिर में रहेंगे और उसके बाद 13 मई को भगवान शंकराचार्य की गद्दी के साथ निकलेंगे।