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Shramik Train: मुंबई से निकली श्रमिक ट्रेन को जाना था यूपी, लेकिन पहुंच गई ओडिशा

Updated May 23, 2020 | 16:49 IST

Shramik Train: कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए जारी लॉकडाउन (corona lockdown) की वजह से विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिए रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है।

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मुंबई से निकली श्रमिक ट्रेन को जाना था यूपी, पहुंच गई ओडिशा
मुख्य बातें
  • 8 राज्यों का चक्कर काटकर ओडिशा के राउरकेला पहुंच गई ट्रेन
  • इस ट्रेन में प्रवासी कामगारों सवार थे जिन्हें उत्तर प्रदेश पहुंचना था
  • रेलवे ने मुंबई से चली एक ट्रेन का रास्ता इतना लंबा कर दिया है कि वो पहुंच गई ओडिशा

नई दिल्ली: रेलवे में एक ऐसा मामला सामने आया है जो हैरान करने वाला है। एक कहावत है कि जाना था कलकत्ता पहुंच गए दिल्ली, कुछ ऐसा ही एक मामला रेलवे से आया है। घर वापस जाने की खुशखबरी सैकड़ों प्रवासियों के लिए उस समय एक बुरे सपने में बदल गई जब मुंबई से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के लिए रवाना हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेन गोरखपुर की बजाया ओडिशा के राउरकेला पहुंच गई। यह ट्रेन 21 मई को मुंबई के वसई रोड से रवाना हुई थी। इस ट्रेन को यूं तो ऐसे रूट से गुजरना था जो काफी छोटा था लेकिन बाद में इस बदलकर काफी लंबा कर दिया गया।

8 राज्यों का सफर

8 राज्यों का सफर करने के बाद ट्रेन ओडिशा पहुंच गई। मामला तूल पकड़ने के बाद रेलवे ने कहा है कि भारी ट्रैफिक की वजह से बदलाव किया गया था। पश्चिम रेलवे ने इस संबंध में एक बयान जारी करते हुए कहा है कि मौजूदा रूट में भारी ट्रैफिक की वजह से यह बदलाव किया गया।

रेलवे ने दी सफाई

पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता रवींद्र भाकर ने एक बयान में कहा, "यह सूचित करना है कि वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन जो 21 मई को रवाना हुई थी, उसे कल्याण- जलगांव- भुसावल- खंडवा- इटावा- जबलपुर- मानिकपुर रूट पर चलाया गया लेकिन मौजूदा मार्गों पर भारी यातायात की भीड़ के कारण यह ट्रेन बिलासपुर (SECR), झारसुगुड़ा, राउरकेला, आद्रा, आसनसोल (ईआर) होते हुए गोरखपुर जाएगी।' उन्होंने बताया, '"श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के चलने के मद्देनजर इटारसी- जबलपुर- पं. दीन दयाल नगर मार्ग पर भारी भीड़ के कारण रेलवे बोर्ड द्वारा वसई रोड, उधना, सूरत, वलसाड से आने वाली ट्रेनों को चलाने का निर्णय लिया गया है। ,

यात्री बोले- हमने नहीं दी गई सूचना

 हालांकि, ट्रेन के यात्रियों ने आरोप लगाया है कि रेलवे ने उन्हें यात्रा के मार्ग और अवधि में बदलाव के बारे में सूचित नहीं किया था। श्रमिक स्पेशल में सवार एक यात्री ने शुक्रवार को ट्विटर पर लिखा, 'हम गोरखपुर वापस जाने के लिए 21 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार हुए हैं। हालांकि, 23 घंटे की यात्रा के बावजूद, हम अभी भी महाराष्ट्र में हैं। खाने के लिए कुछ भी नहीं हैं और ट्रेन में पानी नहीं है। और क्यों ये ट्रेन भुसावल से नागपुर की ओर जा रही है।'
 

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