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तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली आतिया ने जीती एक और जंग, पीएम मोदी को कहा- शुक्रिया

Updated Apr 03, 2021 | 08:19 IST

तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देने वाली 6 महिलाओं में शामिल उत्‍तर प्रदेश के सहारनपुर की आतिया सबरी को एक और कामयाबी मिली है। कोर्ट ने उन्‍हें गुजाराभत्‍ता देने का आदेश शौहर को दिया है।

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तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली आतिया ने जीती एक और जंग, पीएम मोदी को कहा- शुक्रिया

सहारनपुर : तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली आतिया सबरी को एक और सफलता मिली है। यूपी में सहारनपुर की परिवार अदालत ने उससे अलग रह रहे उसके शौहर को हर महीने 21 हजार रुपये का गुजाराभत्‍ता उसे देने का आदेश दिया है, ताकि वह अपनी दोनों बेटियों की परवरिश ठीक ढंग से कर सके। करीब 5 साल की अदालती लड़ाई के बाद आतिया को यह कामयाबी मिली है, जिसे उन्‍होंने 'सम्‍मान की जीत' बताया।

उत्‍तर प्रदेश के सहारनपुर की आतिया उन छह महिलाओं में शामिल हैं, जिन्‍होंने तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी और इसे स्‍त्री अधिकारों व समानता के खिलाफ बताया था। इन्‍हीं अर्जियों पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साल 2017 में करीब 1,400 पुरानी तीन तलाक की परंपरा को गैर-कानूनी घोषित कर दिया था, जो पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश सहित दुनिया के कम से कम 22 देशों में पहले ही प्रतिबंधित है।

पीएम मोदी का जताया आभार

तीन तलाक के खिलाफ इस जंग में पहले ही कामयाबी हासिल कर चुकी आतिया ने इस दौरान हौसला बढ़ाने और मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार जताया। अब जबकि यूपी की एक परिवार अदालत ने उनसे अलग रह रहे उनके शौहर को उन्‍हें हर महीने गुजाराभत्‍ता के तौर पर 21 हजार रुपये देने का आदेश दिया है, आतिया ने तलाक झेलने वाली अन्‍य महिलाओं से भी अपने हक की लड़ाई के लिए आगे आने की अपील की है।

चूंकि यह मामला अदालत में 5 साल से अधिक समय तक चला, इसलिए सहारनपुर की परिवार अदालत ने आतिया से अलग रह रहे उसके शौहर को इन वर्षों में हुए खर्च को जोड़कर उन्‍हें अतिरिक्‍त 13.4 लाख रुपये देने के लिए भी कहा।

5 साल पहले किया था अदालत का रुख

आतिया की शादीशुदा जिंदगी में उस वक्‍त तूफान आ गया था, जब 2015 में उसकी दूसरी बेटी का जन्‍म हुआ था। आतिया का कहना है कि इसके बाद ही उसके शौहर और ससुरालवालों ने उसे घर से निकाल दिया। उसका यह भी कहना है कि ससुरालवालों ने दहेज में 20 लाख रुपये की रकम भी मांगी थी। आतिया ने इसे लेकर 24 नवंबर, 2015 को अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इससे 20 दिन पहले ही उसे शौहर वाजिद अली से एक नोट मिला था, जिस पर तीन बार तलाक लिखा था।

आतिया और वाजिद का निकाह 24 मार्च, 2012 को हुआ था। शौहर ने 2 नवंबर, 2015 को उसे तलाक दे दिया था, जिसके बाद उसने कोर्ट का रुख किया था। अदालत से गुजारा-भत्‍ता की यह जंग जीतने वाली आतिया कहती हैं, 'यह पैसे से कहीं अधिक मेरे सम्‍मान की जीत है।' उन्‍होंने फैसले पर संतोष जताया और आशा की कि अपनी बेटियों की परवरिश अब वह सही तरीके से कर सकेंगी, जिनमें से एक की उम्र 8 साल और दूसरी की 7 साल है।

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