- जाटों, पंजाब के लोगों पर टिप्पणी कर फंसे त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब
- पंजाब और जाट समुदाय के लोग शारीरिक रूप से मजबूत होते हैं, लेकिन वे कम बुद्धिमान होते हैं: बिप्लब देब
- बवाल बढ़ने पर बिप्लब देब ने माफी मांग ली
नई दिल्ली: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने पंजाबी और जाट समुदायों पर ऐसी टिप्पणी की कि अगले दिन उन्हें माफी मांगनी पड़ी। उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर अपनी बात रखी और खेद प्रकट किया। उन्होंने कहा, 'अगरतला प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में मैंने अपने पंजाबी और जाट भाइयों के बारे मे कुछ लोगों की सोच का जिक्र किया था। मेरी धारणा किसी भी समाज को ठेस पहुंचाने की नहीं थी। मुझे पंजाबी और जाट दोनों ही समुदायों पर गर्व है। मैं खुद भी काफी समय तक इनके बीच रहा हूँ। मेरे कई अभिन्न मित्र इसी समाज से आते हैं। अगर मेरे बयान से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो उसके लिए मैं व्यक्तिगत रूप से क्षमाप्रार्थी हूँ।'
मुख्यमंत्री ने आगे लिखा, 'देश के स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबी और जाट समुदाय के योगदान को मैं सदैव नमन करता हूं। और भारत को आगे बढ़ाने में इन दोनों समुदायों ने जो भूमिका निभाई है उसपर प्रश्न खड़ा करने की कभी मैं सोच भी नहीं सकता हूं।'
क्या कहा था बिप्लब देब ने
बिप्लब देब ने देश के अलग-अलग समुदाय के लोगों की व्याख्या करते हुए कहा था, 'बुद्धिमत्ता के संदर्भ में बंगालियों को चुनौती नहीं दी जा सकती थी, बंगाली अपनी बुद्धिमत्ता के लिए जाने जाते हैं और यह उनकी पहचान का हिस्सा है। वहीं पंजाबी और जाट समुदाय के लोग अपनी शारीरिक शक्ति के लिए जाने जाते हैं, लेकिन उनका दिमाग कम है। हम पंजाब के लोगों के बारे में बोलते हैं, हम उन्हें सरदार या पंजाबी कहते हैं। उनके पास बुद्धि कम हो सकती है लेकिन वे बहुत मजबूत हैं। कोई भी ताकत से उन पर जीत हासिल नहीं कर सकता है लेकिन उन्हें प्यार से जीता जा सकता है। हरियाणा में कई जाट रहते हैं। आमतौर पर लोग उनके बारे में क्या बोलते हैं? जाटों के पास बुद्धि कम है लेकिन वे बहुत मजबूत हैं। अगर कोई जाट व्यक्ति को चुनौती देता है, तो वह अपने घर से बंदूक ले आएगा।'
उनकी इस टिप्पणी पर हंगामा मच गया। कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'शर्मनाक व दुर्भाग्यपूर्ण! भाजपा के मुख्यमंत्री, त्रिपुरा, बिप्लब देव ने पंजाब के सिख भाइयों व हरियाणा के जाट समाज को अपमानित कर उनका “दिमाग़ कम” बताया। ये भाजपा की औछी मानसिकता है। खट्टरजी व दुष्यंत चौटाला चुप्प क्यों हैं? मोदी जी और नड्डाजी कहाँ हैं? माफ़ी माँगे, कार्यवाही करें।'