नई दिल्ली / मुंबई: टीआरपी घोटाले को लेकर तमाम तरह के खुलासे हो रहे हैं। मुंबई पुलिस ने टाइम्स नाउ को बताया है कि टीआरपी घोटाले की शिकायत में एक और चैनल(इंडिया टुडे) का भी नाम लिया गया है। इससे पहले मुबंई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने रिपब्लिक भारत के साथ साथ दो मराठी चैनलों के बारे में बताया था कि आखिर किस तरह ये लोग टीआरपी के खेल में शामिल थे।
फर्जी टीआरपी
इससे पहले भी टाइम्स नाउ बताया था कि किस तरह से टीआरपी के लिए फर्जीवाड़ा किया गया। आरोपी व्यक्ति ने खुलासा करते हुए कहा था कि बार्क बैरोमीटर उसके घर में इसलिए लगाए गए थे तांकि हर रोज एक तय अवधि दौरान उसके घर के सदस्य रिपब्लिक टीवी देंखे तांकि उक्त चैनल की दर्शकों की संख्या बढ़ाई जा सके। इसकी बदौलतल टीआरपी में हेरफेर हुआ है।
रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों को मिलेगा समन
गुरुवार को मुंबई सीआईडी के जांच अधिकारी ने मामले के संबंध में ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के सतर्कता अधिकारी को पत्र लिखा है जिसकी कॉपी टाइम्स नाउ के पास है। टाइम्स नाउ के सिद्धांत मिश्रा ने बताया कि रिपब्लिक टीवी के शीर्ष अधिकारियों को अगले कुछ घंटों के दौरान मुंबई पुलिस से समन प्राप्त हो सकता है। चैनल के प्रतिनिधियों के शुक्रवार शाम तक जांचकर्ताओं के समक्ष पेश होने उम्मीद है।
मुंबई पुलिस ने किया था खुलासा
गुरुवार को मुंबई पुलिस ने एक टीआरपी हेरफेर रैकेट का भंडाफोड़ किया था और मामले के सिलसिले में विशाल वेद भंडारी नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया था। मुंबई पुलिस के प्रमुख परम बीर सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'हमने शहर में एक टीआरपी रैकेट का खुलासा किया है। टीआरपी डेटा समझौता किया गया है। हमने 3 चैनलों के खिलाफ सबूत एकत्र किए हैं।' एफआईआर के अनुसार, इन व्यक्तियों को हर दिन एक निश्चित अवधि के लिए रिपब्लिक टीवी देखने के लिए 400-500 रुपये का भुगतान किया गया था।