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TRP scam पर सरकार की पहली प्रतिक्रिया, 'मीडिया को टीआरपी के पीछे नहीं भागना चाहिए'

Updated Oct 09, 2020 | 10:52 IST

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मीडिया स्वतंत्र है, हमारा मानना है कि इस पर कोई बंदिश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम लोग आपातकाल के दौर की पैदाइश हैं और हम जानते हैं कि उस समय मीडिया पर किस तरह की पाबंदी लगी थी।

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प्रकाश जावड़ेकर का बड़ा बयान-मीडिया को टीआरपी के पीछे नहीं भागना चाहिए।
मुख्य बातें
  • मुंबई पुलिस का दावा है कि उसने टीआरपी के साथ छेड़छाड़ करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया
  • मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमवीर सिंह ने कहा कि तीन चैनल इस टीआरपी के खेल में शामिल थे
  • इस खुलासे पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि मीडिया को टीआरपी के पीछे नहीं भागना चाहिए

नई दिल्ली : टेलिविनज रेटिंग प्वाइंट (TRP) स्कैम मामले में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बड़ा बयान दिया है। जावड़ेकर ने टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर (पॉलिटिक्स) नविका कुमार से खास बातचीत में कहा कि मीडिया को टीआरपी के पीछे नहीं भागना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टीआरपी की मौजूदा व्यवस्था ब्राडकॉस्टरों ने मिलकर बनाई है इसमें सरकार का सीधा दखल नहीं होता है। टीआरपी की मौजूदा व्यवस्था में यदि कोई खामी है तो ब्राडकॉस्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) को इसे दूर करना चाहिए और इस काम में सरकार सहयोग देगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टीआरपी तय करने में यदि किसी तरह की तकनीकी छेड़छाड़ हुई है तो उसे कोर्ट देखेगा।

बार्क देखेगा यह मामला : जावड़ेकर
टीआरपी स्कैम में तीन चैनलों के नाम आने पर जावड़ेकर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, 'पहले प्राइवेट एजेंसी टीआरपी तय करती थी लेकिन बाद में ब्राडकॉस्टर्स ने मिलकर बार्क नाम की संस्था बनाई। यह संस्था ही टीआरपी को देखती है। टीआरपी तय करने की पुरानी व्यवस्था में खामी दिखने में समय-समय पर इसमें बदलाव हुआ। टीआरपी की मौजूदा व्यवस्था में भी यदि कोई कमी है तो बार्क को इसे दूर करना चाहिए। सरकार इसमें सीधे तौर पर दखल नहीं दे सकती। टीआरपी को लेकर यदि कोई स्कैम हुआ है तो उसे कोर्ट देखेगा।' 

सरकार मीडिया की स्वतंत्रता के पक्ष में
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मीडिया स्वतंत्र है और हमारा मानना है कि इस पर कोई बंदिश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम लोग आपातकाल के दौर की पैदाइश हैं और हम जानते हैं कि उस समय मीडिया पर किस तरह की पाबंदी लगाई गई थी।'  

मुंबई पुलिस ने टीआरपी स्कैम का पर्दाफाश किया
मुंबई पुलिस ने गुरुवार को दावा किया कि उसने टीआरपी में छेड़छाड़ करने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने टीआरपी तय करने वाली बार्क से जुड़ी एक एजेंसी के खिलाफ अपना शिकंजा कस दिया है। इस एजेंसी पर आरोप है कि वह घरों में लगे पीपल मीटर के साथ छेड़छाड़ कर रही थी। मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बार्क की रेटिंग के साथ छेड़छाड़ हुई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने टीआरपी के डाटा का गलत इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि रेटिंग की निगरानी करने के लिए जिन घरों में बैरोमीटर लगे थे उन घरों को कुछ खास चैनल देखने के लिए पैसे दिए गए।

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