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आजम के बेटे को योगी सरकार का नोटिस, विधायकी गंवाने के बाद अब लौटाने होंगे 65 लाख के वेतन-भत्ते

Updated Dec 06, 2020 | 09:06 IST

समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले विधायकी गंवाने वाले अब्दुल्ला को यूपी सरकार ने नोटिस जारी कर 65 लाख के वेतन भत्ते लौटाने को कहा है।

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विधायकी गंवाने के बाद अब आजम के बेटे को लौटाने होंगे 65 लाख
मुख्य बातें
  • आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं
  • अब्दुल्ला आजम खान को लौटान होगा 65 लाख रुपये का वेतन भत्ता
  • योगी सरकार ने नोटिस जारी कर वापस मांगे 65 लाख के वेतन भत्‍ते

रामपुर: उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद चल रहे समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले विधायकी गंवाने वाले अब्दुल्ला को जालसाजी करना बहुत मंहगा पड़ रहा है। कोर्ट के आदेश के बाद विधायकी गंवाने वाले अब्दुल्ला को अब योगी सरकार ने नोटिस भेजा है। इस नोटिस में उनसे विधायक रहने के दौरान लिए गए वेतन और भत्तों को वापस करने को कहा गया है। अब्दुल्ला इस समय मां और पिता के साथ जेल की सजा काट रहे हैं।

65 लाख से अधिक जमा कराने होंगे

इस नोटिस में कहा है कि हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम खान का निर्वाचन शून्‍य घोषित कर दिया गया है इसलिए उन्हें विधानसभा के सदस्य के रूप में उनको भुगतान की गई धनराशि वसूली जाएगी। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने शिकायत की थी  कि अब्दुल्ला से रिकवरी की जाए। नोटिस में अब्दुल्ला आजम को 14 मार्च 2017 से 16 दिसंबर 2019 तक वेतन ओर भत्तों आदि के रूप में भुगतान किए गए कुल 65 लाख 68 हजार 713 रुपये की राशि जमा करने को कहा गया है।

कोर्ट में गया था मामला

आपको बता दें कि फर्जी प्रमाण-पत्र मामले में आजम खान अपनी पत्नी और बेटे के साथ इस समय सीतापुर की जेल में बंद हैं। 2017 में स्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर जीतने वाले आजम खान के बेटे पर फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप लगा था और बाद में मामला कोर्ट चले गया था। हाईकोर्ट ने प्रमाण पत्रों  में गड़बड़ी के आरोप सही पाए थे और अब्दुल्ला का निर्वाचन रद्द कर दिया था। 

रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में अब्दुल्ला की जन्मतिथि एक जनवरी 1993 लिखी थी। वहीं दूसरे प्रमाणपत्र में उनका जन्मस्थान लखनऊ दिखाया गया है और उनकी जन्मतिथि 30 सितम्बर 1990 लिखी थी। कोर्ट ने ये आरोप सही पाए थे और परिणाम ये हुआ कि अब्दुल्ला को विधायकी गंवानी पड़ी

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