- पत्रकारों के परिवारों के लिए 10 लाख रूपये की वित्तीय सहायता की घोषणा
- सीएम योगी ने कहा -सरकार पत्रकारों को सभी सहायता प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है
- महामारी की दूसरी लहर के दौरान देशभर में कई पत्रकार संक्रमित हो गये और अपनी जान गंवा बैठे
लखनऊ: पत्रकारों को प्रोत्साहित करने और उनके अथक एवं असमानांतर योगदान को सम्मानित करने के प्रयास के तहत उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 संक्रमण से जान गंवाने वाले खबरनवीसों के परिवारों के लिए 10 लाख रूपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की।
'हिंदी पत्रकारिता दिवस' के मौके पर आदित्यनाथ ने कहा, 'आजादी के आंदोलन से लेकर आज तक हिंदी पत्रकारिता का सामाजिक जनजागरण एवं राष्ट्र निर्माण में अप्रत्याशित योगदान रहा है। हिंदी पत्रकारिता दिवस पर सभी पत्रकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।'
उन्होंने कहा कि सरकार पत्रकारों को सभी सहायता प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है और वह उन्हें प्रोत्साहित करती रहेगी।पत्रकारों के प्रयासों की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा , 'ऐसे चुनौतीपूर्ण और कठिन दौर के दौरान सभी पत्रकारों एवं मीडियाकर्मियों ने प्रासंगिक और प्रामाणिक सूचनाएं हमतक लाने में अपनी जान जोखिम में डाली। उन्होंने 24 घंटे काम किया जो प्रशंसनीय है।'
योगी सरकार की ओर से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मई की शुरूआत में बड़ा फैसला लिया गया था। इसके तहत उत्तर प्रदेश में अब पत्रकारों और उनके परिवारों को वैक्सीनेशन में प्राथमिकता मिलेगी।
पत्रकारों और उनके परिवारीजनों को वैक्सीन लगाने के निर्देश
योगी सरकार ने पत्रकारों और उनके परिवारीजनों को कोरोना से बचाव के लिये वैक्सीन लगाने के निर्देश दिये थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये थे कि पत्रकारों के लिये अलग से वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जाएं और प्राथमिकता के आधार पर उनका वैक्सीनेशन किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि सभी पत्रकारों को वैक्सीन लग जाए इसे सुनिश्चित कराएं। जरूरत हो तो मीडिया दफ्तरों में भी जाकर कोरोना वैक्सीन लगाने का अभियान चलाएं।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अब पत्रकारों की मदद के लिए केंद्र की कल्याण योजना का लाभ देने जा रही है। अब इस योजना का लाभ गैर मान्यता प्राप्त और फ्रीलांसर भी उठा सकेंगे। योजना की पात्रता के लिए भारत सरकार या किसी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश की सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए। यदि मान्यता प्राप्त नहीं है तथा वे प्रिंट, इलेक्ट्रानिक अथवा वेब आधारित सेवाओं से पिछले कम से कम पांच वर्षों से जुड़े हैं तो भी वे इस योजना के दायरे में आएंगे।
अस्पताल में भर्ती होने पर 2 लाख रुपये देने का प्रावधान
स्थाई दिव्यांगता के मामले में पत्रकार को 05 लाख रुपये, कैंसर, रीनल फेल्योर, बाई पास, ओपेन हार्ट सर्जरी, एंजियोप्लास्टी, ब्रेन हैमरेज और लकवाग्रस्त होने जैसी गंभीर बीमारी की दशा में 03 लाख रुपये तथा किसी गंभीर दुर्घटना के कारण उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर 02 लाख रुपये देने का प्रावधान है।