- MLA अमनमणि त्रिपाठी की उत्तराखंड यात्रा पर बोली यूपी सरकार- हमने नहीं दी अनुमति, वो खुद जिम्मेदार
- विधायक 3 गाड़ियों में 11 लोगों के साथ उत्तराखंड पहुंच गए थे
- उत्तराखंड पुलिस ने विधायक अमनमणि के खिलाफ दर्ज की है एफआईआर
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और उनके खिलाफ उत्तराखंड के टिहरी जिले में एफआईआर दर्ज की गई है। दरअसल विधायक अमनमणि त्रिपाठी लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड पहुंचे गए थे। अमनमणि 11 लोगों के साथ बद्रीनाथ जा रहे थे और इसी दौरान उन्हें चमोली में पुलिस प्रशासन ने रोका तो उन्होंने पास दिखाया जिसमें तीन राज्यों में तीन कारों के साथ 11 लोगों को जाने की अनुमति थी। अमनमणि ने दावा किया था कि उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता के निधन पर उनके घर सांत्वना देने के लिए पास बनवाया था।
यूपी सरकार ने जारी किया बयान
अब अमनमणि के इस प्रकरण पर यूपी सरकार की तरफ से बयान जारी किया गया है। यूपी सरकार के मुताबिक, 'मीडिया में विधायक, अमनमणि त्रिपाठी के उत्तराखंड जाने के लिए अधिकृत होने की खबरें आ रहीं हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि राज्य सरकार ने उन्हें उत्तराखंड की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी थी। वह अपने कृत्य के लिए जिम्मेदार हैं। घटना से मुख्यमंत्री को जोड़ना निंदनीय है।'
मुख्यमंत्री के साथ जोड़ना अपमानजनक
यूपी सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा, 'अमनमणि त्रिपाठी के संबंध में मीडिया में जो समाचार दिखाई जा रहे हैं जिनमें उन्हें यूपी के मुख्यमंत्री द्वारा उनको उत्तराखंड जाने हेतु अधिकृत किए जाने की बात कही जा रही है। इस संबध में स्पष्ट किया जाता है कि उन्हें न तो सीएम योगी द्वारा और ना ही सरकार द्वारा अधिकृत किया गया है। वह अपने कृत्य के लिए खुद उत्तरदायी हैं। उनके द्वारा तथ्यों को भ्रामक रूप से यूपी के मुख्यमंत्री जी के साथ जोड़ना अपमानजनक है।'
जमाया रौब
खबरों के मुताबिक इश दौरान जब अमनमणि को चमोली में एसडीएम ने रोका तो उन्होंने पुलिस पर खूब रौब भी जमाया लेकिन उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई। अमनमणि त्रिपाठी यूपी के दंबग नेता रहे अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं। वहीं सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि बदरीनाथ के कपाट बंद होने के बावजूद भी आखिर अमनमणि को कैसे उत्तराखंड में प्रवेश करने दिया गया।
अपनी ही पत्नी की हत्या का आरोप
अमनमणि महाराजगंज के नौतनवा विधानसभा सीट से विधायक हैं। 2015 में अमनमणि पर अपनी ही पत्नी की हत्या का आरोप लगा था। दरअसल एक कार हादसे में उनकी पत्नी की मौत हो गई और अमनमणि को मामली चोट आई। इसके बाद उनकी पत्नी की मां ने विधायक पर हत्या का आरोप लगाया था। दो साल जेल में काटने के बाद कुछ दिन पहले जमानत पर जेल से बाहर आए हैं।