लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अगले माह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले हैं, जिसे लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके लिए आरक्षण की सूची भी तैयार की जा रही है, जिससे यह पता चल सकेगा कि कौन सा गांव आरक्षित किया गया है और कौन कहां से चुनाव लड़ सकेगा। इसकी जानकारी जिलावार जारी की जा रही है। इस लिस्ट पर आठ मार्च तक आपत्तियां दर्ज कराई जा सकेंगी। 12 मार्च तक इन सभी आपत्तियों के निस्तारण का लक्ष्य तय किया गया है, जिसके बाद अंतिम सूची 15 मार्च तक आने की संभावना है।
यूपी में पंचायत चुनाव की सरगर्मियों के बीच पूरे प्रदेश में दावेदारों और उनके समर्थकों के बीच आरक्षण सूची जारी होने को लेकर उत्सुकता थी। महिला, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित और अनारक्षित सीटों के आवंटन की सूची जिलावार जारी की जा रही है। इसे जिला विकास भवन और ब्लॉक में चस्पा किया जा रहा है। दावेदार यहां जाकर नई सूची के बारे में जान सकेंगे। इस बारे में जानने के लिए पिछले कुछ दिनों से दावेदारों और उनके समर्थकों की यहां भीड़ जिला विकास भवनों और ब्लॉकों में देखी जा रही है।
इसे यूपी में 2022 में होने वाले चुनाव के 'सेमीफाइनल' के तौर पर भी देखा जा रहा है, जिसे देखते हुए सभी पार्टियों ने जोरशोर से तैयारियां कर रखी हैं। बीजेपी जहां इसे लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती, वहीं अन्य विपक्षी दल भी अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में जुटे हैं।
अप्रैल में होंगे चुनाव
यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख पदों के लिए चुनाव होना है। इसके लिए अधिसूचना मार्च के आखिर में जारी होने का अनुमान है। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू होने की होने की उम्मीद है। यूपी में पंचायत चुनाव चार चरणों में कराए जाने की चर्चा है, जिसकी शुरुआत 10 अप्रैल से हो सकती है। अप्रैल के आखिर तक चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाने की संभावना है, जिसमें 57,207 प्रमुखों का चुनाव कराया जाना है।
यहां उल्लेखनीय है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरक्षण को लेकर जारी 2015 के आदेश को फरवरी में निरस्त कर दिया था। इसे तत्कालीन अखिलेश यादव की सरकार में जारी किया गया था। आरक्षण की जो नई सूची जारी की जा रही है, उसमें सभी ग्राम पंचायतों का विवरण शामिल किया जा रहा है। इसे जनसंख्या के अनुपात के आधार पर तैयार किया जा रहा है और इसका पालन चक्रानुक्रम यानी रोटेशन के आधार पर किया जा रहा है।