- वेस्ट यूपी में जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी को शानदार सफलता
- जिला पंचायत के सभी नौ जिलों में बीजेपी के अध्यक्ष बनना तय
- किसान आंदोलन के इतर बीजेपी ने जमीनी स्तर पर की कड़ी मेहनत
UP Jila Panchayat Election 2021: उत्तर प्रदेश की राजनीति में जिला पंचायत का चुनाव काफी अहम माना जाता है। सूबे के आम विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले जिला पंचायत चुनाव प्रदेश की राजनीति का रुख तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। 26 जून को यानि शनिवार को उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया आयोजित की गई और शाम तक जो नतीजे आए वो वाकई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए सुखद हैं। प्रदेशभर में बीजेपी के कई जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है क्योंकि उनके सामने किसी दूसरे दल के प्रत्याशी ने नामांकन ही नहीं किया।
किसान आंदोलन के बावजूद सफलता
जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए काफी अहम है क्योंकि लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन के बावजूद वेस्ट यूपी में बीजेपी ने परचम लहराया है। वेस्ट यूपी के प्रमुख जिलों में बीजेपी का अध्यक्ष बनना तय हो गया है। किसान आंदोलन में शामिल नेताओं का कहना था कि वह विधानसभा चुनाव से पहले जिला पंचायत चुनाव में भाजपा के विपरीत माहौल बनाएंगे और बीजेपी के खिलाफ प्रचार करेंगे लेकिन उनके सभी दावे हवाई हो गए जब आगरा से लेकर मुरादाबाद, अमरोहा तक बीजेपी के जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए।
प्रदेश मंत्री चंद्रमोहन बोले- योगी सरकार में जनता का विश्वास
बीजेपी यूपी के प्रदेश मंत्री और मुजफ्फरनगर जिले के प्रभारी डॉ. चंद्रमोहन का कहना है कि किसान नेताओं ने अपने झूठे दावों से जनता को बरगलाने का काम किया था लेकिन आज जनता जागरुक है और उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार में विश्वास दिखाया है। बीजेपी सरकार ने किसानों के हित में जो फैसले लिए, चाहे वो गेंहू की रिकॉर्ड खरीद हो या चीनी मिलों का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान, उनसे वेस्ट यूपी में किसान आंदोलन के बावजूद पार्टी का जनाधार बढ़ा है। वहीं बीजेपी ने खुद मुजफ्फरनगर में लोकदल के जिलाध्यक्ष को जिला पंचायत का चुनाव हराया था और अब अध्यक्ष पद का चुनाव औपचारिकता है। वहां बीजेपी के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित है।
ग्राउंड पर मेहनत आई काम
बीजेपी वेस्ट यूपी के अध्यक्ष मोहित बेनीवाल के नेतृत्व में बीजेपी ने हर गांव तक संगठन का ढांचा तैयार किया और बूथ समितियां बनाई। पार्टी ने संगठन और सरकार के नुमाइंदों ने गांव गांव डेरा डाला था। किसान आंदोलन द्वारा बरगलाए गए किसानों के बीच जाकर बीजेपी के क्षेत्रीय नेताओं ने सरकार की नीतियां एवं फायदे गिनाए। वहीं जातिगत समीकरण के हिसाब से अध्यक्ष पद के अधिकृत प्रत्याशी घोषित करने का लाभ मिला। बीजेपी ने बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर और मेरठ में जाट, मरोहा में गुर्जर, गाजियाबाद में त्यागी जाति के प्रत्याशी उतारे।
इन जिलों में बनेंगे बीजेपी के निर्विरोध अध्यक्ष
पश्चिमी यूपी में आगरा से मंजू भदौरिया, ग़ाज़ियाबाद से ममता त्यागी, मुरादाबाद से डॉ. शेफाली, बुलंदशहर से डॉ. अंतुल तेवतिया, गौतमबुद्ध नगर से अमित चौधरी, अमरोहा से ललित तंवर, मेरठ से गौरव चौधरी का निर्विरोध चुना जाना तय है। इसी के साथ मुजफ्फरनगर सहित वेस्ट यूपी के कई जिलों में बीजेपी के प्रत्याशियों की दावेदारी काफी मजबूत है।
बुलंदशहर में अंतुल तेवतिया की जीत
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बुलंदशहर बीजेपी के लिए काफी मायने रखता है। यहां बीजेपी ने आरएसएस की पृष्ठभूमि के परिवार की बेटी डॉ. अंतुल तेवतिया को प्रत्याशी बनाया और उन्होंने निर्विरोध जीत दर्ज की है। बुलंदशहर में बीजेपी ने तेवतिया जाति के प्रत्याशी को उतारकर एक बडा संदेश दिया। चुंकि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह भी तेवतिया जाति से आते हैं और इस क्षेत्र में उनका अच्छा सम्मान है। पार्टी की इस सोच से दूरगामी रणनीति नजर आ रही है।