- अमनमणि त्रिपाठी ने यूपी के यात्रा पास होने का धौंस पुलिस से जमाया
- यूपी सरकार ने कहा-ऐसा कोई पास उसकी तरफ से जारी नहीं किया गया
- हरिद्वार में त्रिपाठी के खिलाफ दर्ज हुआ केस, इसके बाद भेजे गए वापस
बिजनौर : विधायक अमनमणि त्रिपाठी को उत्तर पुलिस पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। विधायक की गिरफ्तारी उत्तराखंड-यूपी बॉर्डर के समीप नाजिबाबाद में हुआ है। विधायक के साथ उनके छह सहयोगी भी गिरफ्तार हुए हैं। लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने पर अमनमणि के खिलाफ हरिद्वारा में एफआईआर दर्ज है। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान विधायक त्रिपाठी उत्तराखंड पहुंचे गए थे।
क्वरंटाइन में रखे जाएंगे विधायक
पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने बताया कि लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर त्रिपाठी के खिलाफ महामारी कानून एवं आईपीसी की धारा 188, 269 और 270 के तहत केस दर्ज हुआ है। त्रिपाठी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के निधन पर उनके परिवार को सांत्वना देने के नाम पर बद्रीनाथ की यात्रा पर जाने की कोशिश की। पुलिस अधिकारी ने बताया कि विधायक के साथ कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये सातों लोग गोरखपुर एवं महराजगंज से उत्तराखंड आए थे। इनके पास यूपी सरकार की तरफ से जारी कोई वैध पास नहीं था। सभी की चिकित्सकीय जांच होगी और उन्हें क्वरंटाइन में रखा जाएगा।
चमोली में पुलिस प्रशासन ने विधायक को रोका
बताया गया कि विधायक अपने सहयोगियों के साथ बद्रीनाथ जा रहे थे लेकिन इतने बड़े काफिले को देखकर चमोली में पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोका और उनसे यात्रा पास दिखाने के लिए कहा। अमनमणि ने दावा किया कि उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता के निधन पर उनके घर सांत्वना देने के लिए पास बनवाया था।लॉकडाउन उल्लंघन का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने पहले हरिद्वार में निर्दलीय विधायक के खिलाफ केस दर्ज किया और इसके बाद नजीबाबाद में उनकी गिरफ्तारी हुई। पुलिस ने वहां से चार पहिए वाली दो गाड़ियां जब्त की हैं।
विधायक ने यूपी के यात्रा पास का धौंस जमाया
पुलिस की ओर से रोके जाने पर त्रिपाठी ने अपने पास यूपी सरकार का यात्रा पास होने का धौंस जमाया। बाद में यूपी सरकार ने इसकी जांच की तो विधायक का झूठ पकड़ में आया। इस बारे में यूपी सरकार ने बयान जारी किया है। अपने बयान में यूपी सरकार ने कहा, 'उत्तराखंड की यात्रा के लिए योगी आदित्यनाथ अथवा सरकार के किसी व्यक्ति ने त्रिपाठी को अनुमति नहीं दी। लॉकडाउन के उल्लंघन के लिए वह खुद जिम्मेदार हैं। इस कृत्य के लिए वह मुख्यमंत्री का नाम ले रहे हैं जो कि निंदनीय है।' बद्रीनाथ के कपाट 15 मई से खुलने वाले हैं लेकिन अभी आम श्रद्धालुओं के दर्शन की इजाजत नहीं है।
अन्य लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज
विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद वरिष्ठ अधिकारी वैभव गुप्ता ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'अमनमणि त्रिपाठी अपने अन्य सहयोगियों के साथ उत्तर प्रदेश से तीन वाहनों में सवार होकर यहां आए। इनके काफिले को गौचर बैरियर के पास रोका गया। वह कर्णप्रयाग तक पहुंच गए थे लेकिन यहां स्क्रीनिंग के लिए तैयार डॉक्टर के साथ उनकी नोक-झोंक हुई। इसके बाद उन्हें वापस भेजा गया।' पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'विधायक और 10 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है। गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें नोटिस जारी हुआ और फिर उन्हें वापस यूपी भेज दिया गया।'