माफिया विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को कोर्ट में विचाराधीन मामले में पेश कराने की योजना को पंजाब के रोपड़ जिले की पुलिस ने परवान नहीं चढ़ने दिया, जिससे सुप्रीम कोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद भी गाजीपुर की पुलिस को निराश होना पड़ा, अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट को आधार बनाकर रोपड़ जेल के अधीक्षक ने उसे गाजीपुर पुलिस को सौंपने से इनकार कर दिया। यूपी पुलिस द्वारा लाए गए सुप्रीम कोर्ट का नोटिस लेने के बाद रोपड़ जेल अधीक्षक ने इसका जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने की बात कही और गाजीपुर पुलिस को बैरंग भेज दिया।
बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस ने तर्क दिया कि मुख्तार अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उसे उत्तर प्रदेश नहीं भेजा जा सकता है। उसके लिए लंबी यात्रा कर पाना संभव नहीं है।
गौरतलब है कि गाजीपुर पुलिस की टीम सुप्रीम कोर्ट का नोटिस लेकर रविवार को पंजाब के रोपड़ जेल पहुंची थी उनका प्लान 11 जनवरी को मुख्तार अंसारी को गाजीपुर लाने का था।
मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद
उस पर उत्तर प्रदेश में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, इससे पहले भी यूपी सरकार ने मुख्तार को यूपी में लाने की कोशिश की थी, लेकिन पंजाब सरकार ने उसे वहीं रोकने के लिये तीन महीने का वक्त बढ़ा दिया था। अंसारी को पेशी के लिए कई बार रोपड़ से गाजीपुर तलब किया गया, लेकिन खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए रोपड़ जेल अधीक्षक ने उसे नहीं छोड़ा। जिसके चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया,सर्वोच्च अदालत ने 18 दिसंबर 2020 को सुनवाई के बाद रोपड़ जेल अधीक्षक को नोटिस जारी किया था। मुख्तार अंसारी को साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बांदा से पंजाब की रोपड़ जेल में शिफ्ट किया गया था। उस पर पंजाब में रंगदारी के एक मामले में केस दर्ज कराया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में 11 जनवरी को सुनवाई
मऊ विधायक मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में 11 जनवरी को सुनवाई होगी। वहीं आजमगढ़ जिले में सड़क के ठेके को लेकर हुई मजदूर की हत्या मामले में पुलिस ने मुख्तार व उसके साथियों पर गैंगस्टर में मुकदमा किया है जिसकी तारीख 22 जनवरी को है।