Vaishali Yadav : यूक्रेन में हालात बिगड़ने और तनाव शुरू होने के बाद वहां पढ़ने वाले भारतीय छात्र स्वदेश लौटना शुरू हुए। लेकिन यूक्रेन का वायु क्षेत्र बंद हो जाने से स्वदेश वापस की उनकी चाहत पूरी नहीं हो सकी और वे वहीं फंस गए। भारत वापस लौटन के लिए उन्होंने फोन एवं वीडियो कॉल पर अपने घर वालों से मदद मांगी। मदद मांगने वाले भारतीय छात्रों के कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए। इन्हीं में से एक वीडियो वैशाली यादव का भी था जिसके वायरल होने पर विवाद शुरू हो गया। दरअसल, यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने वाली 25 साल की वैशाली ने भी अन्य छात्रों की तरह अपने परिवार से मदद की गुहार लगाई थी।
मेडिकल की पढ़ाई करती है वैशाली
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वैशाली यूक्रेन के इवानो फ्रैंकविस्क शहर में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। वह तीसरे साल में है लेकिन पिछले साल उसने हरदोई जिले के टेरी पुरसौली ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान का चुनाव जीता था। वैशाली के यूक्रेन में मौजूदगी पर सवाल उठने लगे। लोगों ने पूछना शुरू किया कि ग्राम प्रधान होते हुए कोई पढ़ाई करने विदेश कैसे जा सकता है। अधिकारियों के मुताबिक वैशाली अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के लिए गत 23 सितंबर को यूक्रेन के लिए रवाना हुई।
प्रशासन ने जारी किया कारण बताओ नोटिस
मामला सामने आने और आपत्ति जताए जाने पर हरदोई जिला प्रशासन ने वैशाली को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रशासन इस बात की भी जांच कर रहा है कि ग्राम प्रधान चुने जाने के बाद उसने क्या-क्या काम किए। गत 22 फरवरी को वैशाली ने अपने पिता महेंद्र प्रताप सिंह से संपर्क किया था। उसके पिता सांडी के पूर्व ब्लाक प्रमुख रह चुके हैं। भारत लौटने के लिए वैशाली ने 24 फरवरी का टिकट किया था लेकिन यूक्रेन एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट की वजह से विमान की रवानगी टाल दी गई।
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पिता ने कहा-वह भारत आ रही है
रिपोर्ट के मुताबिक सिंह ने कहा, 'हम विमान से उसे वापस बुलाने वाले थे लेकिन वहां कई तरह की समस्याएं थी। वैशाली ने वहां रुक कर इस मुसीबत से निकलने का खुद रास्ता बनाया। उसके साथ 120 छात्र दो बसों के जरिए रोमानिया पहुंचे। उसने ट्विटर पर मदद की गुहार लगाई लेकिन लोगों ने उसे राजनीतिक रंग दे दिया। मुझे खुशी है कि वह अब भारत आ रही है।'
भारत सरकार से मुदद की गुहार लगाई थी
वैशाली का वीडियो पिछले सप्ताह वायरल हुआ। इस वीडियो में उसने कहा 'हम सभी अपने प्लैट में कैद हो गए हैं। हम बाहर नहीं निकल सकते क्योंकि लगातार बमबारी हो रही है। हमारी उम्मीदें अब भारत सरकार पर टिकी हैं। सरकार हमें जल्द से जल्द यहां से निकाले।' इस वीडियो के सामने आने के बाद यह बात फैलने लगी कि यूपी पुलिस ने 'फर्जी संदेश' के लिए वैशाली को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, हरदोई पुलिस ने वैशाली की गिरफ्तारी से इंकार किया लेकिन यह बात कि वह यूक्रेन में मौजूद है, मामले को और जटिल बना दिया।
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अनुपस्थिति पर उठे सवाल
ग्राम पंचायत से जुड़े नियमों के मुताबिक ग्राम पंधान को महीने में एक बैठक करनी होती है। दो बैठकों में अंतराल दो महीने से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अधिकारियों का कहना है कि ग्राम पंचायत का सदस्य लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित नहीं रह सकता। ग्राम प्रधान यदि बैठकों से गैर-हाजिर रहता है तो उसे लिखित में जवाब देना होता है।
ब्लॉक स्तर का अधिकारी करेगा मामले की जांच
चूंकि चुनाव जीतने के एक महीने बाद ही वैशाली यूक्रेन चली गई, इसलिए उसकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। वैशाली के पिता का कहना है कि यूक्रेन में रहने के बावजूद वह इंटरनेट एवं वाट्सएप के जरिए अपने क्षेत्र के लोगों के साथ संपर्क में रही है। हरदोई जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। ब्लॉक स्तर का अधिकारी अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपेगा।