- दिल्ली के उपहार सिनेमा में जून 1997 में आग लग गई थी
- सिनेमा हॉल में उस वक्त बॉर्डर फिल्म चल रही थी
- इस भीषण अग्निकांड में 59 लोगों की जान चली गई
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उपहार सिनेमा हॉल में 1997 में हुए अग्निकांड में दिल्ली की अदालत ने सोमवार को सजा का ऐलान किया। अदालत ने इस मामले में अंसल बंधुओं सहित सभी पांच दोषियों को सात साल कैद की सजा सुनाई, जबकि सुशील अंसल और गोपाल अंसल पर अलग-अलग 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस मामले में जिन लोगों को सजा सुनाई गई है, उनमें अंसल बंधुओं के अतिरिक्त एक अदालत का पूर्व कर्मचारी और उनके दो कर्मचारी शामिल हैं।
दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में 13 जून, 1997 को यह घटना हुई थी, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 100 से अधिक घायल हो गए थे। सिनेमा हॉल में उस वक्त 'बॉर्डर' फिल्म चल रही थी। दिल्ली के उपहार सिनेमा में हुए इस भीषण अग्निकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। शो के दौरान ही सिनेमाघर के ट्रांसफॉर्मर कक्ष में आग लग गई थी, जो देखते ही देखते अन्य हिस्सों में भी फैल गई और महिलाओं, बच्चों समेत 59 लोग जान गंवा बैठे।
अंसल बंधुओं पर लगे गंभीर आरोप
उपहार सिनेमा अग्निकांड में सिनेमाघर के मालिक सुशील अंसल, गोपाल अंसल और 16 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या, लापरवाही और अन्य मामलों के तहत केस दर्ज किए गए थे। इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने साल 2003 में अपने एक फैसले में पीड़ित परिवारों को 18 करोड़ का मुआवजा देने का आदेश भी अंसल बंधुओं को दिया था।
रियल एस्टेट कारोबारी सुशील अंसल और गोपाल अंसल को इस मामले में सबूतों से छेड़छाड़ का दोषी भी ठहराया गया है, जिस मामले में अब उन्हें सजा सुनाई गई है। आरोप यहां तक लगे हैं कि उपहार सिनेमा हॉल अग्निकांड में जान गंवाने वालों से जुड़ी मुकदमे की फाइल और कई अहम दस्तावेजों को जला तक डाला गया, जिससे दोषियों को संभवत: और भी कड़ी सजा मिल सकती थी।