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लद्दाख में चीनी दादागिरी के बीच, अमेरिका ने यहां तैनात किए अपने घातक परमाणु बमवर्षक विमान

Updated Aug 13, 2020 | 13:55 IST

भारत औऱ चीन के बीच लद्दाख में तनातनी बनी हुई है और देपसांग और पैंगोग इलाके में चीनी सेना पीछे हटने के नाम नहीं ले रही है। इस बीच अमेरिका ने भारत के बेहद करीब वाले इलाके में अपने बॉम्बर विमान तैनात कर दिए हैं।

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लद्दाख में चीन के साथ तनाव, US ने तैनात किए परमाणु बॉम्बर
मुख्य बातें
  • भारत और चीन के बीच लद्दाख के कुछ इलाकों में जारी है तनाव
  • चीन की तनानती के बीच अमेरिका ने भारत के नजदीक अपने सैन्यअड्डे पर तैनात किए बमवर्षक विमान
  • भारत के बेहद करीब स्थित अपने नौसैनिक अड्डे डियागो गार्सिया पर की तैनाती

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच पिछले काफी समय से लद्दाख में तनाव बना हुआ है। गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की कई दौर की बातचीत हुई और उसके बाद एनएसए स्तर की वार्ता के बाद चीनी सेना गलवान से कुछ किमी पीछे हटी। लेकिन पैंगोग सो लेक और देपसांग इलाके में चीनी सेना अभी भी पीछे हटने को तैयार होती नहीं दिख रही है।  इस मौजूदा तनाव को भी कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं औऱ सैन्य स्तर की वार्ता जारी है। इन सबके बीच अमेरिका ने भारत के बेहद करीब अपने नौसेनिक अड्डे डियागो गार्सिया में सबसे घातक परमाणु बम वर्षक विमानों  B-2 स्प्रिट स्‍टील्‍थ बॉम्‍बर की तैनाती कर दी है।

चीनी इरादों को भांपते हुए की तैनाती

ताइवान के उत्तर में चीनी लाइव-फायरिंग नौसैनिक अभ्यास की पूर्व संध्या पर डिएगो गार्सिया के हिंद महासागर द्वीप में इन तीन बमवर्षक विमानों की तैनाती कर दी गई है। यह पहली बार है जब परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बमवर्षक को 2016 के बाद से दूरदराज के द्वीप पर भेजा गया है। ताइवान के प्रति चीन के इरादों को भांपते हुए अमेरिका ने यह कदम उठाया है। दरअसल चीन लगातार न केवल भारत से लगी सीमा पर अपने हवाई अड्डे बना रहा है बल्कि ताइवान और दक्षिण चीन सागर में भी अपनी सक्रियता को लगातार बढ़ा रहा है। लद्दाख में सटी भारतीय सीमा पर तो चीन ने अपनी परमाणु मिसाइल तक तैनात कर दी है।

दुश्मन को चकमा देने में माहिर हैं B-2 स्प्रिट स्‍टील्‍थ बॉम्‍बर

29 घंटे की यात्रा कर डियागो गार्सिया पहुंचे हैं। इन विमानों खासियत ये है कि ये अपनी उन्नत स्टील्थ तकनीक के साथ, बी -2 वायु-रक्षा रडार को अलर्ट किए बिना दुश्मन के क्षेत्र में प्रवेश कर सकता हैं। अमेरिका हिंद महासागर इलाके में अपनी तैनाती को मजबूत कर रहा है क्योंकि यहां चीन भी अपना प्रभुत्व जमाने की कोशिशों में जुटा हुआ है जिसे लेकर दोनों देशों के बीच तनाव चरण पर है। अमेरिकी लेफ्टिनेंट कर्नल क्रिस्टोफर कॉनट ने कहा, 'हम इस महत्वपूर्ण स्थान डिएगो गार्सिया पर लौटने पर काफी उत्साहित हैं। यह बॉम्बर टास्क फोर्स कार्रवाई में हमारी राष्ट्रीय रक्षा रणनीति है। हम प्रमुख सहयोगियों और साथियों के साथ संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। एक वैश्विक महामारी के बावजूद, हम बेहद घातक और लंबी दूरी तक किसी भी समय और कहीं भी हमला करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।'

अमेरिका ले चुका है कई देशों में इनकी सेवाएं

 ये बॉम्‍बर ऐसे समय पर डियागो गार्सिया पहुंचे हैं जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा विवाद सुलझा नही है। चीन जहां लगातार अपनी सेना बढ़ा रहा है वहीं भारत ने भी अपने पूरे सैनिकों की तैनाती की है और लड़ाकू विमान तक लद्दाख में अभ्यास कर चुके हैं। अमेरिकी B-2 स्प्रिट दुनिया का सबसे खतरनाका और घातक बम वर्षक विमान माना जाता है। एक बॉम्बर में कई सौ टन बम तैनात किए जा सकते हैं। अमेरिका इराक, अफगानिस्तान तथा लीबीया में इनकी सेवाएं ले चुका है। अमेरिका का डियागो गार्सिया नौसेना बेस भारत के साथ-साथ पूरे हिंद महासागर के लिए खास है। 

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