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US deputy NSA : 2+2 वार्ता से पहले भारत की यात्रा पर अमेरिका के डिप्टी NSA, तेज हुआ कूटनीतिक दौर

Updated Mar 30, 2022 | 07:17 IST

US deputy NSA Daleep Singh : भारत और अमेरिका दोनों देशों के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों के बीच यह 2+2 वार्ता वाशिंगटन में 11 अप्रैल को हो सकती है। चर्चा यह भी है कि इस दौरान रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी नई दिल्ली की यात्रा कर सकते हैं।

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भारत की यात्रा पर अमेरिका के डिप्टी NSA।
मुख्य बातें
  • बुधवार को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं अमेरिका के डिप्टी एनएसए
  • टू प्लस टू वार्ता से पहले हो रहा है यह दौरा, भारतीय अधिकाियों से मिलेंगे
  • रूस और ब्रिटने के विदेश मंत्रियों का भी होना है नई दिल्ली का दौरा

वाशिंगटन : भारत और अमेरिका के बीच इस साल होने वाली 2+2 वार्ता से पहले अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह अपने दो दिनों के दौरे पर बुधवार को भारत पहुंच रहे हैं। उनका यह दौरा 30-31 मार्च को होना है। खास बात यह है कि उनकी यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। बताया जा रहा है कि दोनों देशों के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों के बीच यह 2+2 वार्ता वाशिंगटन में 11 अप्रैल को हो सकती है। चर्चा यह भी है कि इस दौरान रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी नई दिल्ली की यात्रा कर सकते हैं।

भारतीय अधिकारियों से मिलेंगे सिंह
सिंह अपनी इस यात्रा के दौरान भारत सरकार के अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे। यही नहीं ब्रिटेन की विदेश मंत्री एलिजबेथ ट्रस गुरुवार को भारत की यात्रा पर आ रही हैं। रिपोर्टों के अनुसार अमेरिकी अधिकारी की प्रस्तावित यात्रा के विवरण पर काम किया जा रहा है और संकेत दिया कि यह उसी समय के आसपास होगा जब लावरोव भारत आने की योजना बना रहे हैं।

कई मुद्दों पर होगी बातचीत
डिप्टी एनएसए की इस यात्रा के बारे में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एमिली होर्न ने एक बयान में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के डिप्टी एनएसए 30 और 31 मार्च को नई दिल्ली की यात्रा पर रहेंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान वह भारतीय अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे। वह भारत-अमेरिका के आर्थिक संबंधों एवं रणनीतिक साझेदारी के कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे।

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भारत का समर्थन अहम हो गया है
जानकारों का मानना है कि यूक्रेन पर रूस के  हमले के बाद वैश्विक स्तर दो बड़े गुट बनते नजर आ रहे हैं। एक तरफ अमेरिका के साथ पश्चिमी देश हैं तो दूसरी तरफ रूस और चीन हैं। भारत के संबंध अमेरिका और रूस दोनों के साथ अच्छे हैं लेकिन यूक्रेन मामले में तटस्थ भूमिका अपनाकर नई दिल्ली ने अपनी एक अलग गंभीरता दिखाई है। किसी भी देश का भारत का समर्थन पाना कूटनीतिक रूप से काफी अहम समझा जाएगा और इसका एक अंतरराष्ट्रीय संदेश जाएगा। इसकी अहमियत सभी देश समझ रहे हैं। 

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