- उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के 10 प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित
- 10 में से 8 भाजपा से हैं जबकि एक-एक सदस्य सपा तथा बसपा के हैं
- समाजवादी पार्टी से प्रोफेसर रामगोपाल यादव राज्यसभा पहुंचे हैं
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के लिए सभी 10 उम्मीदवारों को सोमवार को निर्विरोध चुन लिया गया। आज नाम वापस लेने की आखिरी तारीख थी। 10 सीटों में से बीजेपी ने आठ और समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने एक-एक सीट हासिल की। जिन भाजपा उम्मीदवारों को चुना गया है, उनमें केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह, हरिद्वार दुबे, बृज लाल, नीरज शेखर, गीता शाक्य, सीमा द्विवेदी और बी.एल. वर्मा हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर राम गोपाल यादव को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया, जबकि बसपा के रामजी गौतम को भी उच्च सदन के लिए चुना गया। रामजी गौतम पहली बार उच्च सदन में पहुंचे हैं जबकि प्रोफेसर राम गोपाल यादव का यह लगातार तीसरा सत्र है।
दसवीं सीट के लिए बसपा के रामजी गौतम और सपा के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश बजाज के बीच हाई ड्रामा देखने को मिला था। यह मामला तब हल हुआ जब बजाज का नामांकन रद्द कर दिया गया और बसपा उम्मीदवार ने अपनी पार्टी के केवल दस वोट होने के बावजूद जीत हासिल की।
निर्विरोध निर्वाचित घोषित हुए सदस्यों को सहायक निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद मुशाहिद सईद ने उनके प्रमाण पत्र सौंपे। सभी का कार्यकाल 25 नवंबर 2020 से 24 नवंबर 2026 तक रहेगा। राज्यसभा में उत्तर प्रदेश कोटे से 31 सीटें हैं। इनमें अब सर्वाधिक 22 सीटें भारतीय जनता पार्टी की हो जाएंगी जबकि समाजवादी पार्टी के पास पांच और बसपा के खाते में तीन सीटें रहेंगी। कांग्रेस के पास अब उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की सिर्फ एक सीट रह जाएगी।