लखनऊ : यूपी में कोरोना वायरस संक्रमण के ममले बढ़कर 773 हो गए हैं, जबकि राज्य में 11 लोगों की इस घातक संक्रमण से जान जा चुकी है। इस बीच राज्य में कोविड-19 के टेस्ट को लेकर पूल सिस्टम अपनाया जा रहा है। यूपी ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। प्रदेश के 48 जिलों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं और तकरीबन 2000 नमूनों की जांच रोजाना की जा रही है।
यूपी में पूल टेस्टिंग शुरू
यूपी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक, 'उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के लिए पूल टेस्टिंग शुरू किया गया है। यूपी ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इसके तहत 5 नमूनों के 30 पूल आगरा में टेस्ट हुए हैं और सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
48 जिले कोरोना की चपेट में
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में अब तक 48 जिलों में कोरोना संक्रमण के मामले सामनने आए हैं। यहां संक्रमण के कुल मामले 773 हैं। राज्य में इस वक्त 14 टेस्टिंग लैब एक्टिव हैं और रोजाना 2,000 से ज्यादा नमूनों की जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में अब तक 68 लोग इस घातक संक्रमण की चपेट में आने के बाद ठीक हो गए हैं, जिन्हें असप्तालों से छुट्टी मिल गई है।
क्या है पूल टेस्टिंग
इससे पहले सोमवार को उन्होंने बताया था कि उत्तर प्रदेश को ICMR से पूल टेस्टिंग शुरू करने के लिए अनुमति मिल गई है, जिसमें कई नमूनों की एक साथ जांच की जाती है। यदि इनकी जांच निगेटिव आती है तो उस समूह के सभी सैंपल को निगेटिव समझा जाता है, लेकिन यदि समूह की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो फिर सभी सैंपल्स की अलग-अलग जांच होती है।
एक ही RTPCR का इस्तेमाल
यहां उल्लेखनीय है कि पूल टेस्टिंग में एक ही RTPCR (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पालिमरैस चेन रिएक्शन) का इस्तेमाल होता है और इससे एक साथ कई नमूनों की जांच की जा सकती है। खास तौर पर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर इसका इस्तेमाल होता है। टेस्टिंग किट की कमी की स्थिति में भी यह बेहद अहम होता है। पिछले दिनों इजरायल के शोधकर्ताओं ने एक साथ 64 लोगों के नमूनों की जांच कर दर्शाया था कि इससे तेज गति से जांच हो सकती है और यह किफायती भी है।