- 2 दिन के नोएडा दौरे पर हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- नोएडा में किया कोविड 19 अस्पताल का उद्घाटन
- ये अस्पताल प्रदेश की सबसे बड़ी कोविड फैसिलिटी है
नोएडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा के सेक्टर 39 में 400 बेड वाले कोविड 19 अस्पताल का उद्घाटन कर दिया है। नोएडा के जिला मजिस्ट्रेट सुहास एलवाई भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। सीएम योगी शुक्रवार को गौतमबुद्ध नगर पहुंचे। सीएम योगी ग्रेटर नोएडा स्थित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां सीएम की अगुआनी के लिए गौतमबुद्धनगर के डीएम सुहास एल वाई ,पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद थे।
इस अस्पताल में कुल 420 बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। फिलहाल इसमें 180 बिस्तर उपलब्ध हैं। अस्पताल में डायलिसिस इकाई, प्रयोगशाला और वेंटिलेटर की भी व्यवस्था होगी। इसमें 28 चिकित्सक और 80 से ज्यादा अर्द्धचिकित्सा कर्मी हैं। इस अस्पताल का निर्माण नोएडा प्राधिकरण ने कराया है और कोविड-19 के उपचार संबंधी सभी सुविधाएं सीएसआर के तहत टाटा समूह और बिल गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से दी जा रही है।
पुलिस उपायुक्त (कानून-व्यवस्था) आशुतोष द्विवेदी ने एक आदेश में कहा, मुख्यमंत्री के जिले के दौरे और धारा-144 के तहत शक्तियों का उपयोग करते हुए मैं आदेश देता हूं कि 7 और 8 अगस्त को गौतमबुद्ध नगर में ड्रोन कैमरों के संचालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि आदेश का उल्लंघन आईपीसी की धारा 188 (एक सरकारी अधिकारी द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) के तहत दंडनीय अपराध होगा। जिले में सीएम योगी के दौरे को देखते हुए ड्यूटी पर तैनात रहने वाले 15 गजेटेड ऑफिसर और 700 कॉन्सटेबल का कोरोना टेस्ट भी किया गया।
गौतमबुद्ध नगर में शुक्रवार को कोविड-19 के 60 नए मामले सामने आए हैं। जिला निगरानी अधिकारी डॉ मनोज कश्यप ने बताया कि इनको मिलाकर जनपद में अब तक 5,808 लोग संक्रमित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से कुल 4,857 लोग उपचार के दौरान ठीक हो कर घर जा चुके हैं, जबकि 908 लोगों का यहां के विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है। गौतम बुद्ध नगर में कोरोनावायरस की वजह से 43 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है।
12वीं बार नोएडा दौरे पर योगी
सीएम योगी का यह 12वां नोएडा दौरा है। इससे पहले वह 11 बार नोएडा का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने इस मिथक को भी तोड़ा कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए जो भी नोएडा का दौरा करता है, उसकी कुर्सी चली जाती है। इस तरह का मिथक सबसे पहले 1982 में बना था, जब यूपी के मुख्यमंत्री रहते हुए विश्वनाथ प्रताप सिंह ने नोएडा में वीवी गिरी श्रम संस्थान का उद्घाटन किया था और इसके बाद वह पद से हट गए थे।