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उत्तराखंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर, CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया इस्तीफा 

Updated Mar 09, 2021 | 17:35 IST

सोमवार को दिल्ली में रावत ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। वह गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले। दरअसल, उत्तराखंड भाजपा का एक धड़ा त्रिवेंद्र सिंह की कार्यशैली से खुश नहीं है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
उत्तराखंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर, CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया इस्तीफा।
मुख्य बातें
  • उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पद से इस्तीफा दिया
  • रावत ने राजभवन जाकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंपा
  • रावत ने पार्टी का आभार जताया और कहा कि अगले सीएम का फैसला बीजेपी करेगी

नई दिल्ली : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। रावत ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। मीडिया के सामने आए रावत ने कहा, 'मैंने आज सीएम के रूप में अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। पार्टी ने मुझे चार साल तक इस राज्य की सेवा करने का सुनहरा अवसर दिया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे ऐसा मौका मिलेगा। पार्टी ने अब निर्णय लिया है कि सीएम के रूप में सेवा करने का अवसर अब किसी और को दिया जाना चाहिए। भाजपा विधायक दल की बैठक कल सुबह 10 बजे पार्टी कार्यालय में होनी है।' 

उन्होंने कहा, 'मैं भाग्यशाली हूं कि मैंने उत्तराखंड की सेवा की। मैं उसी के लिए मुझे मौका देने के लिए बीजेपी को धन्यवाद दे रहा हूं। यह निर्णय काफी विचार-विमर्श के बाद लिया गया है। अगला सीएम बीजेपी तय करेगी।'

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा, 'उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनके इस्तीफे को स्वीकार करते हुए मैंने उन्हें नए मुख्यमंत्री बनने तक कार्यवाहक सीएम बनने के लिए कहा है।'

सोमवार को दिल्ली में रावत ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। वह गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले। दरअसल, उत्तराखंड भाजपा का एक धड़ा त्रिवेंद्र सिंह की कार्यशैली से खुश नहीं है। उसने पार्टी आलाकमान से इस बारे में शिकायत की थी। रावत से असंतुष्ट रहने वाले नेताओं में सांसद और विधायक शामिल हैं।  कुछ दिनों पहले भाजपा नेतृत्व ने पार्टी के उपाध्यक्ष रमन सिंह और महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम को पर्यवेक्षक के रूप में उत्तराखंड भेजा था। इन दोनों नेतोओं ने उत्तराखंड के विधायकों एवं सांसदों से फीडबैक लिया।

रावत की कार्यशैली से विधायक-सांसद नाराज
बताया जाता है कि इन सांसदों एवं विधायकों ने रावत की कार्यशैली के खिलाफ खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की। पर्यवेक्षक रमन सिंह गत शनिवार को देहरादून में कई विधायकों से मिले। उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन को लेकर उनकी राय भी जानी। इस रिपोर्ट को पार्टी अध्यक्ष नड्डा को सौंपा गया था जिसके बाद उन्होंने रावत को दिल्ली तलब किया। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विधानसभा की 70 सीटों में से 57 पर जीत दर्ज की। इस प्रचंड जीत के  बाद रावत को सीएम बनाया गया। 

तिवारी को छोड़ किसी ने भी पूरा नहीं किया कार्यकाल
उत्तराखंड की राजनीति के बारे में यह दिलचस्प है कि नारायण दत्त तिवारी को छोड़कर किसी ने भी मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। भाजपा और कांग्रेस चुनावों से पहले अपना मुख्यमंत्री बदलते रहे हैं। 

कई नेता मुख्यमंत्री पद की रेस में
रावत के बाद उत्तराखंड का अगला सीएम कौन होगा, इस पर अभी रहस्य बरकरार है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री पद की रेस में कई नाम चर्चा में हैं। जिन नामों पर चर्चा चल रही है उनमें पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, अजय भट्ट, भगत सिंह कोश्यारी, धन सिंह रावत, अनिल बलूनी और सुरेश भट्ट के नाम शामिल हैं।

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