- रविवार को आई आपदा के बाद से सुरंग में फंसे हुए हैं 25-35 लोग
- सेना-ITBP-एनडीआरएफ और SDRF का संयुक्त बचाव अभियान जारी
- छोटी सुरंग से 12 लोगों को बाहर निकाला गया था
नई दिल्ली: उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को आई आपदा के बाद के अभी तक राहत एवं बचाव अभियान जारी है। आपदाग्रस्त क्षेत्र से अब तक 36 शव बरामद हो चुके हैं, वहीं 168 अन्य लापता हैं। इस बीच भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने बचाव अभियान का एक वीडियो रिट्वीट किया है, जिससे पता चलता है कि किस तरह से तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में फंसे 25-35 लोगों को बचाने के लिए मैराथन अभियान जारी है।
वीडियो से पता चलता है कि ये सुरंग काफी लंबी है और काफी दूर तक इसे साफ भी कर लिया गया है। अभी भी इसमें से मलवा निकालने का काम जारी है। पिछले चार दिनों से यहां दिन-रात काम चल रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि किस प्रकार मलवे को बाहर निकाला जा रहा है। ITBP ने एक और वीडियो ट्वीट किया, जिसमें लिखा है, 'सुरंग के अंदर जहां मशीनों से काम चल रहा है, वहां से मलवे को बाहर निकालना है। बचाव अभियान पूरी रात जारी रहेगा।'
रुकावट के बाद शुरू हुआ अभियान
गुरुवार को इस अभियान में थोड़ी रुकावट भी आई। चमोली के अपर जिला सूचना अधिकारी रवींद्र नेगी ने बताया कि धौलीगंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण रूका बचाव अभियान दोबारा शुरू हो गया है। बचाव दलों द्वारा सुरंग में मलबा हटाने तथा ड्रिलिंग का काम फिर शुरू कर दिया गया है। सेना, आइटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की संयुक्त टीमें इस अभियान में लगी हुई हैं।
फंसे लोगों की कोई जानकारी नहीं
सुरंग के मुंह से बुधवार तक करीब 120 मीटर मलबा साफ किया जा चुका था और ऐसा बताया जा रहा है कि लोग 180 मीटर की गहराई पर कहीं फंसे हैं, जहां से सुरंग मुड़ती है। आपदा प्रभावित क्षेत्र में 450 से अधिक आईटीबीपी कर्मी बचाव और राहत कार्य में लगे हुए हैं। सुरंग के अंदर का हाल जानने के लिए बचाव दल ने रिमोट सेंसिंग तकनीक की भी मदद ली है। हालांकि फिलहाल तक अंदर फंसे हुए लोगों के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल पाई है।