- उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा की इजाजत दी है
- उत्तराखंड सरकार की इजाजत पर उत्तराखंड हाईकोर्ट खफा
- अदालत की टिप्पणी, पहले कुंभ और अब चारधाम, जाइए देखिए क्या हो रहा है
देशभर में कोरोना के ढाई लाख से अधिक की संख्या हर रोज, मरने वालों की संख्या चार हजार के पार यह आंकड़ों की सच्चाई है जिससे हम सब दो चार हो रहे हैं। देश के हर एक सूबे की तस्वीर कमोबेश एक ही तरह की है। इन सबके बीच उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा की इजाजत दे दी है। लेकिन उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए तल्ख टिप्पणी भी की।
उत्तराखंड हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की पीठ ने राज्य सरकार को पहले कुंभ मेले और अब चारधाम को अनुमति देने के लिए फटकार लगाई और कहा कि “जाओ और देखो कि क्या हो रहा है”। बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने कोविड गाइडलाइंस के तहत चारधाम यात्रा की इजाजत दी है।
बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा
चारधाम यात्रा इसी महीने से शुरू होने जा रही है। इसमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री की यात्रा की जाती है। इसमें लाखों की संख्या में हर साल श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं। इस साल के लिए पवित्र धार्मिक स्थलों के कपाट खोलने की तारीख तय हो गई है। चारधाम यात्रा के संदर्भ में सरकार ने कहा था कि हर एक श्रद्धालु को गाइडलाइंस का पालन करना होगा। हालांकि विपक्ष ने सरकार के इस फैसले पर ऐतराज जताया था। विपक्ष का कहना था कि उत्तराखंड सरकार लोगों की जान से खेल रही है।