लाइव टीवी

उत्तराखंड सियासी संकट: तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, जानिए कौन हो सकते हैं अगले सीएम

Updated Jul 03, 2021 | 00:09 IST

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार रात करीब 11 बजे राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। नया चेहरा कौन होगा? विधायक दल की बैठक मे तय होगा।

Loading ...
तीरथ सिंह रावत
मुख्य बातें
  • तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च को उत्तराखंड के सीएम पद की शपथ ली थी।
  • उन्हें 6 महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य होना जरूरी है।
  • वर्तमान में तीरथ सिंह रावत गढ़वाल निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद हैं।

देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार रात करीब 11 बजे राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। अब साफ हो गया कि उत्तराखंड में एक बार फिर मुख्यमंत्री का नया चेहरा आने वाल है। इससे पहले तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार रात करीब 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। लेकिन इस्तीफे का ऐलान नहीं किया था। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने तीन महीने के कार्यकाल की सिर्फ उपलब्धियों गिनाई थी। लेकिन मीडिया के सवाल पूछने पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था।अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा अभी भी यह सवाल जस का तस बना हुआ है ।

हालांकि इसका फैसला पार्टी विधायक दल की बैठक में हो सकता है। प्रदेश के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान का कहा कि प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की अध्यक्षता में बीजेपी विधायक दल की बैठक शनिवार को दोपहर 3 बजे पार्टी मुख्यालय में होगी। सूत्रों के मुताबिक अगले मुख्यमंत्री के लिए सतपाल महाराज, धन सिंह समेत 4 सीनियर विधायकों के नाम सबसे ऊपर हैं।

रावत ने शुक्रवार को नई दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। उनके इस्तीफे का कारण संवैधानिक मजबूरी बताया जा रहा है। वे राज्य के किसी सदन के सदस्य नहीं थे। यही बात उनके मुख्यमंत्री बने रहने में आड़े आ रही थी। 

ये है संवैधानिक समस्या?

तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संविधान के अनुसार 6 महीने के भीतर विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना होता है। लेकिन उत्तराखंड में विधान परिषद नहीं है इसलिए उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ना होगा। तभी वे मुख्यमंत्री रह पाएंगे। उन्हें 10 सितंबर से पहले विधानसभा का चुनाव जीतना होगा। उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने अभी तक फैसला नही किया है। 

उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2022 में समाप्त होना है। यानी केवल 9 महीने बचे थे। इसलिए टीएस रावत के लिए 9 सितंबर के बाद सीएम बने रहना संभव नहीं था। ऐसे में एक बार फिर बीजेपी नेतृत्व बदलना तय था। जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 151A के अनुसार विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ 1 साल बचा हो तो उपचुनाव नहीं हो सकते थे।

रावत वर्तमान में हिमालयी राज्य के गढ़वाल निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद हैं और भारत के संविधान के अनुसार, उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने के लिए राज्य विधानसभा का सदस्य होना अनिवार्य था। त्रिवेंद्र सिंह रावत के हटाए जाने के बाद उन्होंने इस साल 10 मार्च को मुख्यमंत्री का पद ग्रहण किया था।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।