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Venkaiah Naidu Birthday: 72 साल के हुए वेंकैया नायडू, ऐसा रहा है छात्र राजनेता से उपराष्ट्रपति तक का सफर

Updated Jul 01, 2021 | 06:00 IST

Venkaiah Naidu Birthday: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू 72 साल के हो गए हैं। उन्होंन छात्र जीवन से ही राजनीति शुरू कर दी थी और BJP में उच्च पद तक पहुंचे। वो केंद्र में मंत्री भी रहे और 2017 में उपराष्ट्रपति बने।

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वेंकैया नायडू
मुख्य बातें
  • बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे वेंकैया नायडू
  • अटल और मोदी सरकार में मंत्री रहे नायडू
  • छात्र जीवन से राजनीति शुरू करने वाले नायडू 2017 में उपराष्ट्रपति बने

Venkaiah Naidu 72nd Birthday: देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू आज 72 साल के हो गए हैं। वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई 1949 को चावतापलेम में हुआ था जो मद्रास राज्य का नेल्लोर जिला था, ये अब आंध्र प्रदेश में है। 11 अगस्त 2017 को उपराष्ट्रपति चुने जाने से पहले नायडू मोदी कैबिनेट में मंत्री थे। ये भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक प्रमुख नेता रहे हैं। उन्होंने 2002 से 2004 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है। वो अटल सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।

ऐसे शुरू हुआ राजनीतिक जीवन

नायडू राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में स्वयंसेवक थे और अपने कॉलेज के दिनों में एबीवीपी में शामिल हो गए थे। उन्हें आंध्र विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। वह 1972 के जय आंध्र आंदोलन में अपनी प्रमुख भूमिका के लिए सुर्खियों में आए। जहां काकानी वेंकट रत्नम ने विजयवाड़ा से आंदोलन का नेतृत्व किया, वहीं नायडू ने नेल्लोर में आंदोलन में सक्रिय भाग लिया। 

1974 में वह आंध्र प्रदेश के भ्रष्टाचार विरोधी जयप्रकाश नारायण छात्र संघर्ष समिति के संयोजक बने। वह आपातकाल के विरोध में सड़कों पर उतरे और उन्हें जेल में डाल दिया गया। 

हिंदी में भी महारत हासिल

उनकी कुशलता और राजनीतिक सक्रियता ने उनके राजनीतिक जीवन को आगे बढ़ाया और वे 1978 और 1983 में नेल्लोर जिले के उदयगिरि निर्वाचन क्षेत्र से दो बार आंध्र प्रदेश विधान सभा के लिए विधायक के रूप में चुने गए। वह आंध्र प्रदेश में भाजपा के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक बन गए। राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के विभिन्न संगठनात्मक पदों पर सेवा देने के बाद उन्हें 1998 में कर्नाटक से राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुना गया था। वे 2004 और 2010 में कर्नाटक से दो बार फिर से चुने गए। उन्होंने 1996 से 2000 तक पार्टी के प्रवक्ता के रूप में काम। दक्षिणी भारत के अधिकांश राजनेताओं के विपरीत, नायडू ने उत्तर भारत में सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करते हुए हिंदी में महारत हासिल करने का प्रयास किया। 

केंद्र में रहे मंत्री

1999 के आम चुनावों में एनडीए की जीत के बाद वह प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में ग्रामीण विकास के लिए केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बने। उन्हें ग्रामीण विकास में सुधारों के लिए आक्रामक रूप से जोर देने और इस अवधि के दौरान शुरू की गई कई योजनाओं जैसे 'प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना' के लिए जाना जाता था। 2014 के आम चुनावों में भाजपा की जीत के बाद उन्होंने 26 मई 2014 को शहरी विकास और संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में शपथ ली। 2017 के उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए नायडू ने मंत्री पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने भारत के 13वें उपराष्ट्रपति का चुनाव जीता। 

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