नई दिल्ली/लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए विभिन्न राजनीतिक दल अभी से तैयारियों में जुट गए हैं। दिल्ली में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी ने अब यूपी के चुनावी समर में उतरने का मन बनाया है, जिसके लिए वे स्कूली शिक्षा, अस्पताल और बिजली को मुद्दा बना रहे हैं। इसे लेकर यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने केजरीवाल और सिसोदिया पर वार किया है।
सतीश द्विवेदी ने दिल्ली के सीएम और डिप्टी सीएम को यूपी के स्कूलों का दौरा करने की चुनौती देते हुए कहा कि यह उनकी आंखें खोल देगा। उन्होंने कहा कि वे इन्हें मुद्दा बनाकर यूपी में राजनीति करना चाहते हैं, लेकिन दिल्ली और यूपी के स्कूलों में तुलना ही नहीं की जा सकती। दिल्ली में जहां 1024 स्कूल हैं, वहीं 2000 से अधिक स्कूल तो यूपी के छोटे से जिले भर में हैं।
यूपी के मंत्री की चुनौती
केजरीवाल और सिसोदिया को चुनौती देते हुए यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा, 'मैं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जी और उनके डिप्टी मनीष सिसोदिया जी को उत्तर प्रदेश के स्कूलों का दौरा करने के लिए आमंत्रित करता हूं। इससे उनकी आंखें खुल जाएंगी। वे इस मुद्दे के साथ यूपी की राजनीति में प्रवेश करना चाहते हैं।'
उन्होंने कहा, 'दिल्ली में कक्षा 1-12 के लिए 1024 सरकारी स्कूल हैं। यूपी में, सबसे छोटे जिले में भी कक्षा 1-8 के लिए कम से कम 2,000 स्कूल हैं। मुझे उन लोगों की समझ पर तरस आता है जो 1.59 लाख स्कूलों वाले यूपी की तुलना 1024 स्कूलों वाली दिल्ली से कर रहे हैं।
यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली के एक ही सरकारी स्कूल में स्विमिंग पूल है, जबकि विज्ञापनों के जरिये सरकार सभी स्कूलों में स्विमिंग पूल होने के ढोल पीट रही है। उन्होंने कहा, 'दिल्ली के केवल कुछ ही स्कूलों में स्मार्ट क्लास हैं, वह भी टाटा, अडानी और अंबाई समूहों की मदद से। केवल एक स्कूल में स्विमिंग पूल है। लेकिन दिल्ली सरकार विज्ञापनों और शो पर ऐसे पैसा खर्च करती है जैसे कि सभी स्कूलों में स्विमिंग पूल हैं।'
AAP लड़ेगी यूपी चुनाव
यहां उल्लेखनीय है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा था कि आम आदमी पार्टी 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यूपी जैसे बड़े राज्य को एक विकसित राज्य होना चाहिए। आप संयोजक ने कहा कि यूपी में अच्छे स्कूल, अस्पताल नहीं हैं और लोगों को नियमित बिजली आपूर्ति नहीं होने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ता है।