- तमिलनाडु के मल्लपुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग के अनौपचारिक बैठक रद्द हो सकती है
- अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के पास 15000 फुट की ऊंचाई पर भारतीय सेना युद्ध अभ्यास कर रही है
- चीन के लिए बड़े संवेदनशील क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश में हाल ही में खरीदे गए अमेरिकी उपकरणों के साथ सेना अपना सबसे बड़ा युद्ध अभ्यास कर रही है इस हालात में चीनी राष्ट्रपति का भारत आना असहज हो सकता है
नई दिल्ली : चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग का 11-13 अक्टूबर को भारत दौरा होने वाला था लेकिन यह स्थगित होता नजर आ रहा है। इस दौरे के दौरान तमिलनाडु के मल्लपुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग (Xi Jinping) के अनौपचारिक बैठक होने वाली थी। दोनों नेताओं के बीच यह ऐसी दूसरी अनौपचारिक बैठक होनी थी। अब सूत्रों से खबर आ रही है कि यह बैठक नहीं होगी।
टाइम्स नाउ सूत्रों के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना के युद्ध अभ्यास (War exercise in Arunachal Pradesh) और जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर राज्य के पुनर्गठन को लेकर चीनी राष्ट्रपति ( Chinese President) शी जिनपिंग भारत एक अपने दौरे को स्थगित कर सकते है।
तमिलनाडु के मल्लपुरम में अनौपचारिक बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ दूसरे शिखर सम्मेलन के लिए अगले सप्ताह यहां पहुंचना था। 2018 में, दोनों नेताओं ने यांग्त्जी के तट पर वुहान के सिलावन परिवेश में 10 घंटे से अधिक समय तक बातचीत की थी।
गौर हो कि भारतीय सेना ने चीन के खिलाफ अपनी नई युद्ध रणनीति का परीक्षण करने के लिए अरुणाचल प्रदेश में 15,000 फीट पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से 100 किलोमीटर दूर पहला अभ्यास शुरू किया है।
हाल ही में खरीदे गए अमेरिकी उपकरणों के साथ, चीन के लिए बड़े संवेदनशील क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश में सेना अपना सबसे बड़ा युद्ध अभ्यास कर रही है जब चीनी राष्ट्रपति का भारत आना असहज हो सकता है। जब भारतीय सैना अरुणाचल प्रदेश में युद्ध अभ्यास कर रही तब कोई उम्मीद नहीं कर सकता है कि शी भारत की यात्रा करेंगे।
उधर कश्मीर के मुद्दे पर भी भारत-चीन संबंधों में तनाव के बीच उनकी यह यात्रा होने थी। जम्मू एवं कश्मीर के मुद्दे पर बीजिंग ने अपने अच्छे दोस्त पाकिस्तान का पक्ष लेने का फैसला किया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में कश्मीर मुद्दे को भी उठाया था।
इस तरह की खबरें थीं कि चीन ने शी जिनफिंग की भारत यात्रा से पहले अभ्यास को लेकर भारत से आपत्ति जताई थी। रक्षा सूत्रों ने बताया कि अभ्यास वास्तविक नियंत्रण रेखा से करीब 100 किलोमीटर दूर हो रहा है। यह रेखा दोनों देशों के बीच वास्तविक सीमा है। अभ्यास करने का कार्यक्रम मार्च में तय किया गया था। बताया कि इस तरह के अभ्यास सर्दियों से पहले और सर्दियों के बाद, मौसम के अनुकूल सैनिकों को ढालने के लिए किए जाते हैं। ऐसे अभ्यास पूर्वी कमान की सभी इकाइयां करती हैं। युद्ध अभ्यास 25 अक्टूबर को संपन्न होगा।
सूत्रों ने बताया कि 17 कोर नया है और इसके सैनिक नियमित तौर पर अंदरूनी इलाकों में जो आमतौर पर ऊंचाई वाले क्षेत्र में होते हैं, वहां खुद को मौसम के अनुकूल ढलाने के लिए अभ्यास कर रहे हैं। चीन का दावा है कि पूर्वोत्तर भारतीय राज्य अरूणाचल प्रदेश, दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है। भारत लगातार कहता आया है कि अरूणाचल प्रदेश देश का अभिन्न अंग है। दोनों देश सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 20 से ज्यादा दौर की बातचीत कर चुके हैं।