लाइव टीवी

पेगासस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को 'सुप्रीम' झटका, जानें क्या है वजह

Pegasus Case, Supreme Court, Government of West Bengal, Central Government, Mamata Banerjee
Updated Dec 17, 2021 | 12:50 IST

पेगासस केस में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित पैनल की जांच पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी जांच कर रही है।

Loading ...
Pegasus Case, Supreme Court, Government of West Bengal, Central Government, Mamata BanerjeePegasus Case, Supreme Court, Government of West Bengal, Central Government, Mamata Banerjee
पेगासस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को 'सुप्रीम' झटका, जानें क्या है वजह
मुख्य बातें
  • पेगासस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को झटका, राज्य द्वारा गठित पैनल की जांच पर लगाई रोक
  • सुप्रीम कोर्ट के सामने समानांतर जांच का दिया गया हवाला
  • सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर टेक्निकल कमेटी कर रही हैं जांच

सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस केस में पश्चिम बंगाल सरकार को झटका दिया है। अदालत ने राज्य सरकार द्वारा जांच के लिए गठित पैनल को इस आधार पर  रोक लगा दी क्योंकि इस केस की जांच टेक्निकल कमेटी पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 27 अक्टूबर को एक पैनल का गठन किया था, इस तथ्य के बावजूद कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 27 अक्टूबर को एक पैनल का गठन किया था, जिसमें सेवानिवृत्त एससी न्यायाधीश मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित आयोग पर सवाल उठाया गया था।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आरवी रवींद्रन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों ने जांच शुरू कर दी है। समानांतर जांच कैसे हो सकती है? SC के समक्ष यही सवाल उठाया गया कि एक ही केस की जांच दो अलग अलग एजेंसियां कैसे कर सकती हैं।

तीन सदस्यों वाली समिति, आर वी रविंद्रन करेंगे अगुवाई
उच्चतम न्यायालय ने इज़राइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिए भारतीय नागरिकों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था।प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा था कि इस तीन सदस्यीय समिति की अगुवाई शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश आर वी रवींद्रन करेंगे। जांच पूरी करने के लिए आठ हफ्ते का समय दिया गया था। 

एक्सपर्ट कमेटी

  1. आर वी रविंद्रन (अध्यक्ष)- सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस
  2. आलोक जोशी
  3. डॉ संदीप ओबेरॉय

पीठ ने कहा कि याचिकाओं में निजता के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उल्लंघन जैसे आरोप लगाए गए हैं, जिनकी जांच करने की जरूरत है।ये याचिकाएं इज़राइल के स्पाइवेयर ‘पेगासस’ के जरिए सरकारी एजेंसियों द्वारा नागरिकों, राजनेताओं और पत्रकारों की कथित तौर पर जासूसी कराए जाने की खबरों की स्वतंत्र जांच के अनुरोध से जुड़ी हैं।केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए मामले पर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने से इनकार कर दिया था।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।