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West Bengal: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ लगे 'शेम शेम' के नारे

Updated Dec 08, 2019 | 00:07 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Shame Shame Governor: पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ को तृणमूल कांग्रेस के कथित सदस्यों ने काले झंडे दिखाए और भद्दे स्लोगन लिखी तख्तियां भी दिखाईं।

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तृणमूल कांग्रेस के कथित कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां थामे हुए थे, जिनपर लिखा था, 'राज्यपाल शर्म करो'

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है वहां के गवर्नर जगदीप धनखड़ को कथित टीएमसी सदस्यों ने काले झंडे दिखाए हैं, बताया जा रहा है कि उन्हें  हावड़ा जिले के एक कॉलेज में तृणमूल कांग्रेस के कथित सदस्यों ने काले झंडे दिखाए। राज्यपाल कॉलेज में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे।

तृणमूल कांग्रेस के कथित कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां थामे हुए थे, जिनपर लिखा था, 'राज्यपाल शर्म करो,'। जब उनके काफिले ने कॉलेज में प्रवेश किया तो उन्होंने धनखड़ को काले झंडे दिखाए। राज्यपाल का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीत सरकार के साथ कई मुद्दों पर टकराव चल रहा है।

वहीं इससे पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संपर्क के सभी प्रयास विफल हो गए क्योंकि बातचीत के उनके अनुरोध पर मुख्यमंत्री के कार्यालय से कोई जवाब नहीं आया।उन्होंने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उन्हें राज्यपाल के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहना चाहिए। धनखड़ ने कहा कि उन्हें अब भी बनर्जी से सकारात्मक जवाब मिलने की उम्मीद है।

धनखड़ ने ट्वीट किया, 'पिछले दरवाजों से संपर्क की कोशिशें विफल रहने के बाद मैंने बतौर राज्यपाल मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से उनकी पसंद की जगह, समय और दिन की सुविधा से चर्चा और संवाद के लिए आमंत्रित किया क्योंकि यही एकमात्र संवैधानिक तरीका था।' उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री को राज्यपाल से संपर्क खत्म नहीं करना चाहिए। मुझे यकीन है कि उनसे जरूर सकारात्मक जवाब आएगा।'

तब विधानसभा के दरवाजे पर ताला लगा मिला था
अभी 5 दिसंबर को जब राज्यपाल धनखड़ विधानसभा पहुंचे तो तो दरवाजे पर ताला लगा मिला था जिसकी वजह से राज्यपाल को बाहर ही खड़ा रहना पड़ा। हालांकि बाद में राज्यपाल को दूसरे गेट से विधानसभा में एंट्री मिली।

गेट बंद होने पर मीडिया को प्रतिक्रिया देते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, 'जब मैं यहां आया था तो गवर्नर और अन्य वीवीआइपी के लिए गेट बंद था, फिर मैं एक दूसरे गेट के द्वारा गया जो बाद में खोला गया। विधानसभा सत्र न चलने मतलब यह नहीं है कि विधानसभा सचिवालय भी बंद है। यह पूरे साल खोला जाता है। मेरा उद्देश्य ऐतिहासिक इमारत को देखना, पुस्तकालय का निरीक्षण करना है। विधानसभा सत्र नहीं होने का मतलब ये नहीं है कि विधानसभा को बंद रखना है। पूरे सचिवालय को खुला रखना है।'

पहले भी ऐसे वाकये आए हैं सामने
इससे पहले संविधान दिवस के मौके पर विधानसभा पहुंचे राज्यपाल, ममता बनर्जी के पास से गुजरे लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री को नजरंदाज किया। राज्यपाल ने वहां विपक्ष के नेता अब्दुल मन्ना का अभिवादन किया लेकिन ममता से एक शब्द भी बातचीत नहीं की। 

अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा, 'संविधान दिवस के मौके पर अगस्त हाउस को संबेधित करना मरे लिए यादगार क्षण है। इस समारोह में मुझे बुलाने के लिए मैं स्पीकर को धन्यवाद देता हूं। 21वें राज्यपाल के रूप में यह मेरे लिए यादगार क्षण है।' इस मौके पर स्पीकर ने राज्यपाल को उपहार स्वरूप दो गिफ्ट दिए। एक राज्यपाल के लिए दूसरा उनकी पत्नी के लिए। इस पर राज्यपाल ने शुरू में दूसरा गिफ्ट लेने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि इस समारोह में उनकी पत्नी को आमंत्रित नहीं किया गया है। इस पर स्पीकर ने कहा कि उन्हें पहली महिला के आने की भी उम्मीद थी। स्पीकर को जवाब देते हुए राज्यपाल ने कहा कि न्योता उन्हें भी जाना चाहिए था।

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