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टीएमसी की दादागिरी! विधानसभा उपचुनाव में जीत के बाद बीजेपी दफ्तर पर किया कब्‍जा, हरे रंग में कर दी पुताई

Updated Nov 29, 2019 | 10:32 IST

पश्चिम बंगाल में 3 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में टीएमसी को जीत मिली है। पार्टी कांग्रेस और बीजेपी से एक-एक सीटें छीनने में कामयाब रही तो अपनी सीट बचाए रखी।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कार्यकर्ताओं पर बीजेपी दफ्तर को कब्‍जाने का आरोप है
मुख्य बातें
  • पश्चिम बंगाल में विधानसभा की तीन सीटों के लिए हुए उपचुनाव में टीएमसी को जीत मिली
  • पश्चिम बंगाल की खड़गपुर सदर, करीमपुर व कालीगंज सीट के लिए 25 नवंबर को वोट डाले गए थे
  • इस उपचुनाव में टीएमसी जहां बीजेपी और कांग्रेस से एक-एक सीट छीनने में कामयाब रही, वहीं अपनी सीट भी बचाए रखी

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा की तीन सीटों के लिए हुए उपचुनाव में जीत के बाद सत्‍तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। इस बीच पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर बीजेपी के चार दफ्तरों पर कब्‍जा कर लिया और भगवा रंग से रंगी दीवारों पर हरे रंग से पुताई कर दी। पश्चिम बंगाल में इस तरह का मामला लोकसभा चुनाव के दौरान भी सामने आया था, जब बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टीएमसी के कुछ दफ्तरों को अपने कब्‍जे में लेकर उस पर भगवा रंग से पुताई कर रदी थी।

पश्चिम बंगाल में विधानसभा की तीन सीटों- खड़गपुर सदर, करीमपुर व कालीगंज के लिए 25 नवंबर को वोट डाले गए थे, जिसके नतीजों का ऐलान गुरुवार (28 नवंबर) को किया गया। टीएमसी ने जहां तीनों सीटों पर जीत हासिल की, वहीं बीजेपी के लिए यह बड़ा झटका साबित हुआ, जिसने प्रदेश अध्‍यक्ष दिलीप घोष की खड़गपुर सदर सीट भी गंवा दी। दिलीप घोष ने इसी साल लोकसभा चुनाव में जीत के बाद यह सीट खाली की थी, जिसके कारण यहां उपचुनाव कराया गया।

बीजेपी की यह हार राजनीतिक रूप से इसलिए भी मायने रखती है, क्‍योंकि इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए यहां राज्‍य की 42 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2014 के चुनाव में जीत का यह आंकड़ा महज 2 था। लोकसभा चुनाव के नतीजों से साफ था कि बीजेपी यहां अपनी जबरदस्‍त पैठ बना चुकी है। लेकिन विधानसभा उपचुनाव में उसे निराशा हाथ लगी, जब उसने खड़गपुर सदर सीट टीएमसी के हाथों गंवा दी।

उपचुनाव कांग्रेस-सीपीएम के लिए झटका साबित हुईं, जो राज्‍य में वापस अपनी जमीन तलाशने में जुटी थीं। दोनों पार्टियों के साथ आने के बावजूद टीएमसी कांग्रेस से कालीगंज सीट छीनने में कामयाब रही, जो कांग्रेस विधायक प्रमथनाथ राय के निधन के कारण रिक्‍त हुई थी। टीएमसी जहां खड़गपुर सदर बीजेपी से और कालीगंज सीट कांग्रेस से छीनने में कामयाब रही, वहीं करीमपुर सीट इसने बचाए रखी, जो विधायक महुआ मोइत्रा के लोकसभा चुनाव जीत लिए जाने के कारण यहां से इस्‍तीफे के बाद खाली हुई थी।

उपचुनाव के इन नतीजों के बाद ही टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर गुरुवार को उत्‍तरी 24 पगरना जिले के बैरकपुर, पानपुर, नैहटी और मद्राल में बीजेपी के चार दफ्तरों पर कब्‍जा कर लिया और वहां भगवा रंग से रंगी दीवारों को हरे रंग से पेंट कर दिया। इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उत्‍तरी 24 परगना जिले और दुर्गापुर में टीएमसी के कुछ दफ्तरों पर कब्‍जा कर लिया था और उसे भगवा रंग से रंग दिया था। चुनाव के बाद बीजेपी और टीएमसी के बीच दफ्तरों को कब्‍जाने की राजनीति शुरू हो गई थी। बीजेपी ने टीएमसी के जिन दफ्तरों पर कब्‍जा कर लिया था, वहां कुछ ही दिनों बाद खुद ममता बनर्जी ने समर्थकों के साथ जाकर ताले तोड़े और दीवारों पर अपनी पार्टी का नाम व चुनाव चिह्न बनाया।

टीएमसी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि ये दफ्तर पहले उसके थे, जिसे बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बैरकपुर से पार्टी नेता अर्जुन सिंह के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद कब्‍जा लिया था। अर्जुन सिंह ने लोकसभा चुनाव में टीएमसी के दिनेश त्रिवेदी को मात दी थी।

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