Ghulam Nabi Azad : राज्यसभा चुनाव की रेस में गुलाम नबी आजाद पिछड़ गए। विद्रोही गुट जी-23 के प्रमुख चेहरा रहे आजाद को कांग्रेस नेतृत्व ने टिकट देने से इनकार कर दिया। जम्मू-कश्मीर से आने वाले दिग्गज कांग्रेस ने हाल ही में सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक इस मीटिंग में उन्होंने कांग्रेस पार्टी में नबर-2 की हैसियत देने की पेशकश की गई थी और राज्यसभा से पत्ता कटने की बात से वाकिफ करा दिया गया था। हालांकि, उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
हमारी और उनकी सोच में अंतर -आजाद
सूत्रों के मुताबिक, मुलाकात के दौरान आजाद ने सोनिया गांधी से कहा कि आज पार्टी चलाने वाले नेता युवा हैं। हम जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ एक गैप नजर आता है। हमारी और उनकी सोच में अंतर है। इस वजह से मैं उनके साथ काम करने के इच्छुक नहीं हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद आजाद की जगह इमरान प्रतापगढ़ी की उम्मीदवारी का किया है। सोनिया गांधी की भी मुहर इस चयन पर लगी। प्रतापगढ़ी लोकप्रिय युवा चेहरा हैं और वह अल्पसंख्यक समाज से भी आते हैं।
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आजाद के राज्यसभा जाने से कांग्रेस के पास सदन में नेतृत्व को लेकर एक समस्या सामने आती। अभी यह जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के पास है। आजाद की राज्यसभा में वापसी होने पर वरिष्ठता के आधार पर उनको ही नेता विपक्ष बनाना पड़ता।
लगभाग बिखर चुके हैं जी-23 के नेता
गुलाम नबी आजाद फिलहाल पार्टी के कार्यसमिति के सदस्य हैं। वह सोनिया गांधी को सलाह देने वाली राजनीतिक मामलों की कमेटी के सदस्य भी हैं। पिछले कुछ दिनों से आजाद पार्टी के काम में बहुत दिलचस्पी भी नहीं ले रहे हैं। जी-23 के नेता भी लगभग बिखर चुके हैं। कपिल सिब्बल ने समाजवादी पार्टी की राह पकड़ ली है। भूपेंद्र सिंह हुडा ने राहुल गांधी से समझौता कर लिया है। वहीं, मुकुल वासनिक और विवेक तन्खा सरीखे नेताओं को राज्यसभा की सीट मिल चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस पार्टी उपाध्यक्ष या फिर वर्किंग प्रेसिडेंट या फिर संगठन महासचिव जैसी जिम्मेदारी दे सकती थी। लेकिन, आजाद ने सोनिया गांधी के ऑफर में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। अब सबकी निगाहें आजाद के अगले कदम पर हैं।