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जानिए क्या है बाल श्रम विद्या योजना, गरीब बच्चों के लिए योगी सरकार की सराहनीय पहल

Updated Jun 25, 2020 | 11:43 IST

UP: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य में बाल श्रम विद्या योजना की शुरूआत की है। जानिए विस्तार से क्या है ये योजना और किन्हें मिलेगा इसका लाभ-

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बाल श्रम विद्या योजना
मुख्य बातें
  • उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बाल श्रम विद्या योजना की शुरुआत की
  • बाल मजदूर और गरीब वर्ग के बच्चों के कल्याण के लिए योजना की हुई शुरुआत
  • इसके तहत 1,200 रुपए प्रति माह तक सालाना अनुदान देगी

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य के गरीब व बाल मजदूर वर्ग के बच्चों के लिए बाल श्रमिक विद्या योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ऐसे बच्चों को स्कूल भेजने के उद्देश्य से 12,00 रुपए प्रति माह तक सालाना अनुदान देगी। बताया जाता है कि इसी महीने विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर बाल श्रम विद्या योजना की शुरुआत की गई थी।

इस योजना के तहत 8वीं, 9वीं और 10वीं कक्षा पास करने वाले छात्रों कों 6000-6000 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस योजना की शुरुआत की थी जिसमें पहले चरण में 2000 ऐसे बच्चों का चयन किया गया था। इस योजना के तहत बालकों को 1000 रुपए प्रति माह जबकि बालिकाओं को 1200 रुपए प्रति माह दी जाएगी।  

2011 के जनगणना के अनुसार राज्य के करीब 57 जिलों में बाल मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा है और उन्हीं राज्यों से सबसे पहले इन बच्चों का चयन किया गया। बता दें कि बाल श्रम विद्या योजना कई नई योजना नहीं है जिसे लॉन्च किया गया है बल्कि इसके पहले राज्य में कैश ट्रांसफर योजना चलाया जा रहा था जिसके तहत छात्रों को सालाना 8 हजार रुपए और 100 रुपए मासिक दिया जा रहा था। लेकिन अब इसी योजना का नाम बदल कर बाल श्रम विद्या योजना कर दिया गया और इसके प्रावधान में थोड़े बहुत बदलाव किए गए।

कैसे होगा इन बच्चों का चयन

इन बच्चों का चयन सर्वे के आधार पर किया जाएगा। ये सर्वे स्थानीय निकायों द्वारा, पंचायत समूहों द्वारा या चाइल्ड लाइन अथवा विद्यालय प्रबंधन समितियों द्वारा कराया जाएगा। ऐसे बच्चे जिनके माता और पिता दोनों किसी असाध्य रोग से ग्रसित हों और ऐसे में वे अपने बच्चों की पढ़ाई के खर्च का बोझ नहीं उठा सकते ऐसे बच्चों का चयन किया जाएगा। इसके लिए माता-पिता को मान्यता प्राप्त डॉक्टर से प्रमाणपत्र जारी करवा कर देना होगा। भूमिहीन परिवारों के आधार पर भी ऐसे बच्चों का चयन किया जाएगा। सभी लाभार्थियों के चयन के बाद उसे ई-ट्रैकिंग सिस्टम पर अपलोड किया जाएगा।

इस योजना का लाभ 8 से 18 साल के बच्चों को मिलेगा। योजना के पहले चरण में 2000 बच्चों को इसका लाभ मिलेगा। इस योजना में आवेदन के लिए दस्तावेज के तौर पर आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाते की डिटेल, पासपोर्ट साइज फोटो लगेगी।
 

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