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इजराइली हेरॉन को मिलेगी भारतीय मिसाइल की ताकत, आखिर क्या है भारतीय वायुसेना का 'प्रोजेक्ट चीता' ?

शिवानी शर्मा | Deputy News Editor
Updated Sep 19, 2022 | 14:10 IST

नामीबिया से चीतों के भारत वापसी के साथ अब भारतीय वायुसेना ने भी 'ऑपरेशन चीता' की घोषणा की है। आखिर क्या है भारतीय वायुसेना का ऑपरेशन चीता?

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दरअसल भारतीय वायुसेना ने इजरायली ड्रोन  हेरॉन को भारतीय हथियारों से लैस करने की योजना बनाई है।   इस ऑपरेशन को भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन चीता नाम  दिया है।
मुख्य बातें
  • भारतीय वायुसेना ने इजरायली ड्रोन  हेरॉन को भारतीय हथियारों से लैस करने की योजना बनाई है।
  • इस ऑपरेशन को भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन चीता नाम  दिया है।
  • प्रोजेक्ट चीता के तहत हेरान अनमैंड एरियल व्हीकल में नई मिसाइल और आधुनिक सर्विलेंस डिवाइस लगाकर इन्हें अपग्रेड किया जाएगा

नई दिल्ली:  नामीबिया से चीतों के भारत वापसी के साथ अब भारतीय वायुसेना ने भी 'ऑपरेशन चीता' की घोषणा की है। आखिर क्या है भारतीय वायुसेना का ऑपरेशन चीता? आइए आपको बताते हैं। दरअसल भारतीय वायुसेना ने इजरायली ड्रोन  हेरॉन को भारतीय हथियारों से लैस करने की योजना बनाई है।  

इस ऑपरेशन को भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन चीता नाम  दिया है। इसके तहत भारतीय कंपनियों द्वारा बनाए गए अलग-अलग हथियारों को पहले से भारत में तैनात इजरायली ड्रोन या यूएवी को ज्यादा ताकतवर बनाया जाएगा। प्रोजेक्ट चीता के तहत हेरान अनमैंड एरियल व्हीकल में नई मिसाइल और आधुनिक सर्विलेंस डिवाइस लगाकर इन्हें अपग्रेड किया जाएगा। इस काम में भारतीय वायुसेना इजराइल की भी मदद लेगी, लेकिन जो नए हथियार इन  ड्रोन में लगाए जाएंगे उन्हें भारत की कंपनियों से ही लिया जाएगा। भारत में एक दशक से भी पहले इसराइल से ड्रोन लिए थे जिन्हें खास तौर पर पूर्वोत्तर में सर्विलांस के लिए तैनात किया गया है।

इन ड्रोन में थर्मोग्राफिक कैमरा, रडार सिस्टम, ग्राउंड सर्विलेंस जैसी डिवाइस इंटीग्रेटेड हैं। यह भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना में शामिल होने वाला पहला अनमैंड एरियल वहीकल था जो सभी सीमाओं पर निगरानी के लिए डिप्लॉयड है। हेरॉन की खूबी है कि कम्युनिकेशन सिस्टम ब्रेक हो जाने पर भी यह स्वतः ही बेस पर लौट सकता है। हेरॉन लगभग ढाई सौ किलो का वजन कैरी कर सकता है। अब भारतीय वायुसेना के प्रोजेक्ट चीता के तहत इन यूएवी की ताकत को और ज्यादा बढ़ाया जा रहा है। अब इन्हें सिर्फ सर्विलेंस ही नहीं अटैक के लिए भी ज्यादा मुफीद बनाया जा रहा है।

तीन सेवाओं, भारतीय वायु सेना (IAF), भारतीय सेना और भारतीय नौसेना के हेरॉन ड्रोन को लेजर-गाइडेड बम, हवा से जमीन और हवा से लॉन्च होने वाली एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों से लैस करने के लिए अपग्रेड किया जाएगा। 

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