- कोरोना महामारी के दूसरे दौर में रिवेंज ट्रेवल शब्द सामने आया
- पर्यटक केंद्रों पर उमड़ी भीड़ और कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना बड़ी चिंता
- कुछ राज्यों की तरफ से अब सख्ती शुरू की गई
कोरोना महामारी के दूसरे दौर से देश अभी निजात नहीं पाया है, हालांकि कोरोना के केस में कमी आई है। इन सबके बीच देश के अलग अलग पर्यटक केंद्रों पर जिस तरह से भीड़ उमड़ी है वो कोरोनी की तीसरी लहर की आशंका को जन्म दे रही है। मंत्रिपरिषद के सदस्यों से बातचीत के क्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई थी। इन सबके बीच स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने रिवेंज ट्रेवल की नाम दिया तो समझना जरूरी है इसके मायने क्या हैं।
क्या होता है रिवेंज ट्रेवल
रिवेंज ट्रेवल का मतलब होता है कि जब आप किसी तरह की बंदिश को तोड़कर बड़ी संख्या में निकलते हैं जिसमें नियमों की अनदेखी किसी बडे़ खतरे की ओर इशारा करती है, इसके अलावा वैक्सीन के आने के साथ, बहुत से लोग यात्रा को लेकर आशान्वित हैं, इस तथ्य के बावजूद कि अभी तक सभी को टीका नहीं लगाया गया है। एक साल से अधिक समय तक लॉकडाउन में रहने के बाद यात्रा करने की यह इच्छा, इसके खतरों के बावजूद इस तरह के पर्यटन को रिवेंज ट्रवेल कहा जा रहा है।
कोरोना केस की वजह से सरकार की तरफ से अलग अलग अवधि में लॉकडाउन लगाया गया और उसका असर यह हुआ कि ज्यादातर लोगों को घरों में कैद होना पड़ा। घरों में कैद होने की वजह से नीरसता आ गई और लोगों ने मानसिक परेशानी की शिकायत बताई। अब जबकि देश अनलॉक हो चुका है तो लोग बड़ी संख्या में पर्यटन केंद्रों की तरफ निकल पड़े। मसूरीस मनाली, कुल्लू या देश के दूसरे केंद्र हों हर जगह लोग कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाते नजर आए।
72 फीसद लोगों ने यात्रा को जरूरी माना
Booking.com द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि 72 प्रतिशत लोगों को लगता है कि महामारी से पहले की तुलना में इस वर्ष यात्रा करना उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण है। यह भी पाया गया कि जो लोग 2020 में यात्रा नहीं कर सके, उनमें से 68 प्रतिशत इस वर्ष यात्रा करने के अवसर के लिए तरस रहे हैं। ट्रैवल वेबसाइट MakeMyTrip ने भी होटल बुकिंग में लगभग 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी है, जब से प्रतिबंधों में ढील दी गई है।
रिवेंज ट्रेवल से खतरा बढ़ा
ज्यादातर लोगों को चिंता है कि इस रिवेंज ट्रेवल की वजह से तीसरी लहर आ जाएगी। लव अग्रवाल ने कहा था कि भले ही हम थक गए हों, वायरस नहीं है, यह अभी भी आसपास है। हाल के एक सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 83 प्रतिशत लोग COVID-19-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने में विफल रहे हैं और 63 प्रतिशत लोग उचित सामाजिक दूरी बनाए नहीं रख रहे हैं।मामलों की संख्या में सामान्य गिरावट आई है, भारत ने आज भी लगभग 43,000 नए मामले दर्ज किए हैं - एक अनुस्मारक कि आगे बढ़ने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका उचित सामाजिक दूरी और अन्य मानदंड जैसे मास्क पहनना और जितना संभव हो घर के अंदर रहना है।