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सेना की नई AK-203 राइफल में क्या है खास? जिसका राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में किया जिक्र

Updated Jan 31, 2020 | 13:30 IST

पुरानी हो चुकी इंसास राइफल की जगह भारतीय सुरक्षाबलों को जल्द एक नया स्टैंडर्ड हथियार मिलने जा रहा है। इस नई राइफल का नाम है- AK 203 जो अमेठी में बनाई जाएगी।

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एके-203 राइफल

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने साल 2020 के पहले संसद सत्र (बजट सत्र) में अपना अभिभाषण दिया और सरकार की उपलब्धियों, कार्य योजना और भविष्य के लिए सोच पर अपनी बात रखी। इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद अर्थव्यवस्था, बदलते कानून, अंतरिक्ष कार्यक्रम और रिसर्च योजनाओं के अलावा रक्षा क्षेत्र व भारतीय सेनाओं के आधुनिकीकरण पर भी बोले। इसी बीच उन्होंने एक राइफल का जिक्र किया- जिसका नाम है AK- 203। यह राइफल दुनिया भर में बेहद चर्चित राइफल AK- 47 के परिवार की राइफल है जिसे रूसी कंपनी क्लाशनिकोव बनाती है।

जल्द भारतीय सेनाओं को यह राइफल मिलने जा रही है और यह भारतीय सुरक्षाबलों की ओर से आम तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला स्टैंडर्ड हथियार बनेगा। यह राइफल मौजूदा समय में इस्तेमाल की जा रही है और पुरानी पड़ रही इंसास राइफल की जगह लेगी। खास बात ये है कि भारय सुरक्षाबलों के लिए यह राइफल भारत के अमेठी में ही बनाई जाएगी। भारतीय और रूस के बीच इसे लेकर एक समझौता हुआ है।

एके- 203 को लेकर भारत और रूस के बीच काफी समय से बात चल रही थी। इस राइफल की डील साइन हो चुकी है- जिसके तहत शुरुआत में कुछ राइफलें सीधे रूस से बनकर आएंगीं और इसके बाद इन्हें बड़ी संख्या में भारत में ही बनाया जाएगा। यहां जानें एके 203 राइफल की कुछ खास बातें-

  1. AK-203 को AK सीरीज  की सबसे आधुनिक और विश्वसनीय राइफल माना जाता है।

  2.  AK-203 का इस्तेमाल ऑटोमैटिक और सेमी ऑटोमैटिक तरीकों से किया जा सकता है।

  3. चर्चित एके -47 सीरीज का सबसे बुनियादी मॉडल है, इसके बाद 74, 56, 100 और 200 सीरीज हैं।

  4. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत की नई असॉल्ट राइफल की लंबाई लगभग 3.25 फीट होगी। गोलियों से भरी एक राइफल का वजन लगभग 4 किलो होगा।

  5. यह एक मिनट में 600 गोलियां दाग सकती है और एक सेकंड में दस गोलियां दागने में सक्षम है।

  6. किसी भी ऑपरेशन में सेना के जवानों को इस राइफल को संभालना और इस्तेमाल आसान होगा। यह रात के ऑपरेशन में भी बहुत प्रभावी है।

  7.  AK-203 को सिर्फ आठ से नौ पार्ट्स को मिलाकर बनाया जाएगा और इन्हें सिर्फ एक मिनट जोड़कर राइफल को तैयार किया जा सकता है।

  8. इस राइफल की रेंज 400 मीटर तक होगी ताकि एक सैनिक लंबी दूरी से लक्ष्य पर निशाना साध सके।

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