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Fateh Kit Scam: फतेह किट में क्या है गड़बड़झाला, पंजाब की सियासत फिर गर्माई

Updated Jun 09, 2021 | 09:03 IST

पंजाब में अब फतेह किट पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी अब कांग्रेस सरकार को घेर रही है। इन दोनों दलों का कहना है कि फतेह किट में दलाली खाई गई है।

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पंजाब में फतेह किट में दलाली पर हंगामा
मुख्य बातें
  • पंजाब सरकार के फतेह किट में गड़बड़झाले का आरोप
  • बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने घोटाले का आरोप लगाया
  • फतेह किट को अलग अलग कोटेशन पर खरीदा गया और किट में सामान भी कम मिले

पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बाद कोरोना किट यानी कि फतेह किट के मुद्दे पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी हमलावर हैं। इन दोनों दलों का आरोप है कि पंजाब सरकार जिस किट के जरिए लोगों के जान बचाने का दम भर रही है उसमें जबरदस्त घोटाला हुआ है। यह बात अलग है कि कांग्रेस के मुताबिक हाशिये पर जा चुकी बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पास कहने के लिए कुछ भी नहीं है लिहाजा इस तरह के अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं।

किट खरीद में गड़बड़झाले का आरोप
बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने अलग-अलग सम्मेलन आयोजित किए थे जिसमें दस्तावेज के जरिए  प्रस्तुत किए और दावा किया कि कम बोली प्राप्त करने के बावजूद, सत्तारूढ़ दल ने फतेह किट को भारी कीमत पर खरीदा, जिससे सरकारी खजाने को 8 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। भाजपा नेता अनिल सरीन और आप जिलाध्यक्ष सुरेश गोयल ने कहा कि भले ही पटियाला में एक मेडिकल स्टोर ने 1 अप्रैल को 837.76 रुपये प्रति यूनिट की दर से किट उपलब्ध कराने के लिए निविदा की पेशकश की थी, लेकिन राज्य सरकार ने 3 अप्रैल को पहली बार खरीद आदेश जारी किया 50 हजार फतेह किट का लॉट ₹94.80 प्रति यूनिट, 50 हजार किट का दूसरा लॉट ₹1226.40 प्रति यूनिट और तीसरा लॉट 1.5 लाख किट क्रमशः ₹1,338 प्रति यूनिट पर खरीदा।

क्या है फतेह किट
20 अलग अलग सामानों के साथ एक किट बनाई गई जिसमें दवाएं शामिल थी और उसे पंजाब सरकार ने फतेह किट का नाम दिया। फतेह किट में डॉक्सीसाइक्लिन, तुलसी की पत्ती समेत लिवोसिट्रेजिन का जिक्र था। लेकिन बहुत से लोगों का ये तीनों चीजें किट में नहीं थीं। किट में पल्स ऑक्सीमीटर, स्टीमर, हैंड सैनिटाइजर, तीन गुब्बारे डिजिटल थर्मामीटर, आयुष कवाथ काढ़ा, गिलोय की गोलियां, बीटाडीन गरारे करने का लिक्विड और फेस मास्क शामिल हैं। 

सीबीआई जांच की मांग
भाजपा नेता सरीन ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की। सरीन ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के एक छोटे पद के कर्मचारी को बलि का बकरा बनाया जाएगा जबकि असली अपराधी छूट जाएंगे। सरीन ने कहा कि जहां वैक्सीन की कमी और इलाज के अभाव में लोग मर रहे हैं, वहीं सरकार पैसा लगा रही है।सुरेश गोयल ने कहा कि पहले सरकार ने निजी अस्पतालों को महंगे दामों पर कोविड के टीके बेचकर अपना खजाना भरने की कोशिश की थी और अब उसके नेता किट की खरीद के दौरान घोटाले में लिप्त हो गए हैं।

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