- कई अहम मांगों को लेकर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन
- "1986 से हमारे क्षेत्र में पेंशन लागू होने के बाद से कभी इसे संशोधित न किया गया"
- मूल वेतन का 16.4% काट कर उसे विशेष भत्ते का नाम दे दिया है
देश भर के बैंक पेंशनभोगी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तर्ज पर पेंशन संशोधन और सुधार सहित महत्वपूर्ण मांगों को लेकर शनिवार को नयी दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करेंगे। 'फोरम आफ बैंक पेंशनर एक्टिविस्ट्स' के राष्ट्रीय संयोजक जेएन शुक्ला ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि यह धरना 'आल इंडिया बैंक रिटायरीज वेलफेयर एसोसिएशन' द्वारा प्रायोजित है जिसे देश भर के एक दर्जन संगठनों का समर्थन हासिल है।
उन्होंने कहा कि एक जनवरी, 1986 से बैंकिंग क्षेत्र में पेंशन लागू होने के बाद से कभी इसे संशोधित नहीं किया गया। वर्ष 1992 से हर पांच साल में बैंक कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जाता रहा लेकिन पेंशन को कभी भी संशोधित नहीं किया गया।
शुक्ला ने कहा कि सरकार के 24 फरवरी, 2012 के निर्देश के बावजूद सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए बैंकों के कल्याण कोष से स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसी तरह, बैंकों ने मूल वेतन का 16.4% काट कर उसे विशेष भत्ते का नाम दे दिया है जबकि इसे पेंशन, ग्रेच्युटी, पीएफ, एनपीएस गणना से बाहर रखा गया है।
उन्होंने कहा कि बैंकों ने कदाचार के लिए बर्खास्त किए गए दागी पूर्व-कर्मचारियों को पेंशन का अधिकार बहाल कर दिया है लेकिन उन लोगों को पेंशन देने से इनकार कर दिया गया जिन्होंने त्रुटिहीन सेवा के साथ बैंक सेवा से इस्तीफा दिया था। शुक्ला ने कहा कि जब दागी लोगों को पेंशन का अधिकार दिया जा सकता है तो इस्तीफा देने वालों को पेंशन का अधिकार क्यों नहीं दिया जा सकता है।