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अमेरिकी सेना चीन के साथ संघर्ष में भारत के साथ खड़ी रहेगी, व्हाइट हाउस से मिले संकेत

Updated Jul 07, 2020 | 07:47 IST

US military will stand with India: चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच अमेरिका से संकेत मिले हैं कि भारत चीन के बीच संघर्ष के संबध में अमेरिकी सेना उसके साथ 'मजबूती से खड़ी रहेगी।' 

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भारत चीन के बीच LAC पर तनाव बना हुआ है
मुख्य बातें
  • व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टॉफ मार्क मीडोज ने 'फॉक्स न्यूज' को इस बारे में बताया
  • अमेरिकी सेना भारत और चीन के बीच या कहीं और भी संघर्ष के संबंध में उसके साथ 'मजबूती से खड़ी रहेगी
  • चीनी सेना ने गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग से सोमवार को अपने सैनिकों की वापसी शुरू कर दी

भारत (India) और चीन (China) के बीच सीम पर तनाव की स्थिति जारी है ऐसे में दोनों देश अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं, तनाव खत्म करने के मद्देनजर दोनों देशों के बीच बातचीत भी जारी है लेकिन LAC पर तनाव बना हुआ है, ऐसे हालात के बीच व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी सेना भारत और चीन के बीच या कहीं और भी संघर्ष के संबंध में उसके साथ 'मजबूती से खड़ी रहेगी।' ये बयान काफी अहम माना जा रहा है।

नौसेना द्वारा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने के लिए दक्षिण चीन सागर में दो विमान वाहक पोत तैनात किये जाने के बाद अधिकारी का यह बयान आया है। व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टॉफ मार्क मीडोज ने एक सवाल के जवाब में 'फॉक्स न्यूज' को बताया, 'संदेश स्पष्ट है। हम खड़े होकर चीन को या किसी और को सबसे शक्तिशाली या प्रभावी बल होने के संदर्भ में कमान नहीं थामने दे सकते, फिर चाहे वह उस क्षेत्र में हो या यहां।'

उन्हें बताया गया कि भारत ने पिछले महीने चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद कई चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया। भारत और चीन के सैनिकों के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग सहित पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में आठ सप्ताह से गतिरोध जारी है।हालांकि, स्थिति तब बिगड़ गई जब 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए।

चीनी सेना ने गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग से सोमवार को अपने सैनिकों की वापसी शुरू कर दी।राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को टेलीफोन पर बात की जिसमें वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों के 'तेजी से'पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर सहमत हुए।

"दुनिया यह जाने कि हमारे पास अब भी दुनिया का उत्कृष्ट बल है"

मीडोज ने कहा कि अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अपने दो विमान वाहक पोत भेजे है। उन्होंने कहा, 'हमारा मिशन यह सुनिश्चित करना है कि दुनिया यह जाने कि हमारे पास अब भी दुनिया का उत्कृष्ट बल है।' चीन, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों में लिप्त है। चीन लगभग समूचे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है। वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के भी क्षेत्र को लेकर उसके दावे हैं।
 

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