- हरविंदर सिंह रिंडा के इशारे पर हुई थी हथियारों की सप्लाई
- पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए फिरोजपुर में गिराए गए थे हथियार
- हरविंदर के चार हैंडलर को हरियाणा की करनाल पुलिस ने किया है गिरफ्तार
गुरुवार को हरियाणा की करनाल पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली जब चार संदिग्ध लोगों को इनोवा कार से पकड़ा गया। इनके पास से हथियारों का जखीरा भी बरामद हुआ। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। अब तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक पाकिस्तान स्थित हरविंदर सिंह रिंडा के इशारे पर हथियारों को ड्रोन के जरिए पंजाब के फिरोजपुर में गिराया गया था और वहां से देश के अलग अलग हिस्सों में हथियारों को भेजा जाना था। करनाल में जो संदिग्ध पकड़े गए वो इनोवा कार के जरिए हथियारों के जखीरे को नांदेड़ ले जा रहे थे।
कौन है हरविंदर सिंह रिंडा
चंडीगढ़ पुलिस द्वारा हरविंदर सिंह रिंडा पर हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत चार मामले दर्ज हैं। रिंडा ने सेक्टर 11 के थाना प्रभारी को जान से मारने की धमकी दी थी जबकि वह पंजाब विश्वविद्यालय का छात्र था। आतंकी संगठनों से जुड़ने से पहले वो छात्र राजनीति में सक्रिय भागीदार था। रिंडा पंजाब के तरंतरन जिले का रहने वाला है। 11 साल की उम्र में रिंडा अपने परिवार के साथ महाराष्ट्र के नांदेड़ साहिब में शिफ्ट हो गया। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, रिंडा ने 18 साल की उम्र में पारिवारिक विवाद के चलते तरनतारन में अपने एक रिश्तेदार की हत्या कर दी थी। नांदेड़ साहिब में उसने स्थानीय व्यापारियों से जबरन वसूली शुरू कर दी और दो लोगों की हत्या कर दी। उसके खिलाफ वजीराबाद और विमंतल पुलिस थानों में हत्या, हत्या के प्रयास, शस्त्र अधिनियम आदि के तहत दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 2016 में दो मामले दर्ज किए गए थे और दोनों में रिंडा को भगोड़ा घोषित किया गया था।
कई एजेंसियां कर रही है जांच
इस मामले की कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। अभी तक की जांच में जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक बहु-एजेंसी जांच की जा रही है जो स्थानीय गिरोहों और आईएसआई द्वारा समर्थित एक आतंकी मॉड्यूल का गठजोड़ है। दिल्ली के गाजीपुर और सीमापुरी के साथ साथ दूसरी जगह पर जिस तरह के कंटेनर मिले थे वैसा ही कंटेनर करनाल में भी मिला है।
ड्रग्स तस्करों की भी हो सकती है भूमिका
अनीस इब्राहिम के करीबी सहयोगी समीर ने विस्फोटकों का इंतजाम किया था। तब भी प्रयागराज में आरडीएक्स युक्त आईईडी मिला था।मॉड्यूल का किसी आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं था। स्थानीय गैंगस्टर, कट्टरपंथी व्यक्तियों ने हाथ मिलाया और डी कंपनी और आईएसआई के इशारे पर आतंकी हमले को अंजाम देने की कोशिश की। सूत्रों ने कहा कि पिछले साल भंडाफोड़ किए गए आतंकी मॉड्यूल की योजना और वित्तपोषण के पीछे आईएसआई और डी कंपनी शामिल हो रही है।
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