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किस मोड़ पर इंडियन पॉलिटिक्स? Jaimala हाथी को लेकर आमने-सामने दो सरकार, जानें- क्या है पूरा विवाद?

अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Sep 20, 2022 | 09:47 IST

Jaimala Elephant Row: मामले में असम में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार ने चार सदस्यों वाली टीम को तमिलनाडु भेजा है।

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तस्वीर साभार:&nbspIANS
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।

Jaimala Elephant Row: भारत की राजनीति ऐसे मोड़ पर आ गई है, जहां एक सूबा दूसरे राज्य को तोहफा देता है और फिर बाद में पूछता है कि उसके दिए गिफ्ट का हाल-चाल कैसा है?...दरअसल, कुछ ऐसी ही स्थिति की वजह से देश के दो प्रदेश आमने-सामने आ गए हैं। वजह है- एक हाथी। दरअसल, तमिलनाडु के एक मंदिर में असम से लाए गए इस हाथी के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवाहर की बात सामने आई थी। दावा किया गया कि उसे वहां टॉर्चर किया गया।   

मामले में असम में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार ने चार सदस्यों वाली टीम को तमिलनाडु भेजा है। यह दल सोमवार (19 सितंबर, 2022) को वहां के श्रीविल्लिपुथुर मंदिर के लिए रवाना हुआ, जहां वह जयमाला (Jaimala- तमिलनाडु में जयमाल्याता और असम में जोयमाला) नाम के हाथी की मौजूदा स्थिति का निरीक्षण करेगा।

14 सितंबर को इससे पहले असम सरकार ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा था कि करीब एक दशक पहले तमिलनाडु ले जाए गए हाथी को “प्रताड़ित” किया गया था। राज्य सरकार का एक उच्च स्तरीय दल महीने की शुरुआत से तमिलनाडु में है। 

वहां विस में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक अशरफुल हुसैन के एक सवाल का जवाब देते हुए सूबे के पर्यावरण और वन मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने बताया था कि हाथी को दोनों राज्यों की सहमति से 2011 में तमिलनाडु शिफ्ट किया गया था, जबकि हाथी को पूर्वोत्तर राज्य में वापस लाया जाएगा।

वह आगे बोले कि जोयमाला को “प्रताड़ित” किए जाने की जानकारी मिलते ही विभाग ने आठ मार्च को तमिलनाडु सरकार को एक पत्र भेजा था। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि पत्र को लेकर दक्षिणी राज्य से कोई प्रतिक्रिया मिली है या नहीं। मंत्री के मुताबिक, पिछले 10 साल में 69 जानवरों को दूसरे राज्यों में ट्रांसफर किया गया, जबकि इस अवधि के दौरान 77 जानवर असम लाए गए।

इससे पहले, आठ सितंबर को तमिलनाडु में पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने बंदी हाथी के साथ दुर्व्यवहार के बारे में गलत सूचना फैलाने को लेकर पेटा इंडिया के खिलाफ जमकर निशाना साधा। पूवुलागिन नानबर्गल (गैर सरकारी संगठन) ने कहा कि पेटा इंडिया झूठी सूचना फैला रही थी कि मंदिर के एक हाथी के साथ बुरा व्यवहार किया गया।

एनजीओ के अनुसार, पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर दुर्भावना पूर्वक प्रसारित किया जा रहा था। पेटा इंडिया इसमें शामिल था। दरअसल, पेटा इंडिया ने ट्विटर पर एक पोस्ट साझा किया कि मंदिर में हाथी के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है, जिससे बॉलीवुड हस्तियों सहित बड़े पैमाने पर आक्रोश था। नतीजतन प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि हाथी के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को देश के कानून के सामने लाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। (एजेंसी इनपुट्स के साथ) 

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