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गणतंत्र दिवस 2020 : क्यों मायने रखती है ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो की भारत यात्रा?

Updated Jan 24, 2020 | 19:56 IST

Messias Bolsonaro visit to India : गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने वाले बोलसोनारो ब्राजील के तीसरे राष्ट्रपति हैं। इससे पहले साल 1996 और 2004 में ब्राजील के राष्ट्रपति भारत का दौरा कर चुके हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
चार दिनों की यात्रा पर भारत पहुंचे हैं ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो। (फाइल फोटो)
मुख्य बातें
  • 70वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो
  • बोलसोनारो के साथ कारोबारियों एवं मंत्रियों का एक बड़ा शिष्टमंडल भी आया है
  • आपसी रिश्ते को नई ऊंचाई पर ले जाने की होगी कोशिश, अहम करार पर होंगे हस्ताक्षर

नई दिल्ली : ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो शुक्रवार को अपनी चार दिनों की यात्रा पर भारत पहुंचे। वह इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं। बोलसोनारो का भारत दौरा चार दिनों 24 से 28 जनवरी तक का है। उनके साथ कारोबारियों, अधिकारियों एवं मंत्रियों का एक शिष्टमंडल भी भारत आया है। भारत और ब्राजील के बीच आपसी संबंध काफी मजबूत हैं। फिर भी बोलसोनारो की इस यात्रा से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गत नवंबर में ब्रिक्स सम्मेलन के लिए ब्राजील गए थे और अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने बोलसोनारो को गणतंत्र दिवस का मुख्य अतिथि बनने का न्योता दिया।

गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने वाले बोलसोनारो ब्राजील के तीसरे राष्ट्रपति हैं। इनसे पहले साल 1996 में फर्नांडो हेनरिक कारडोसो और 2004 में लुईस इनासिओ लुला डा सिल्वा गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बन चुके हैं। सेना में कप्तान रह चुके बोलसोनारो की यह पहली भारत यात्रा है। बोलसोनारो ने अक्टूबर 2008 में हुए राष्ट्रपति पद के चुनावों में भारी मतों से जीत दर्ज की। बताया जाता है कि राष्ट्रपति बोलसोनारो की इस यात्रा से भारत और ब्राजील दोनों को लाभ पहुंच सकता है क्योंकि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं संकट के दौर से गुजर रही हैं और इससे निपटने के लिए दोनों देश कारोबार में संभावनाएं तलाश रहे हैं। बोलसोनारो की इस यात्रा के दौरान खासकर ऊर्जा, कृषि एवं रक्षा क्षेत्र के महत्वपूर्ण समझौते हो सकते हैं।

दोनों देश अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के हैं सदस्य
भारत और ब्राजील के आपसी रिश्ते काफी मजबूत हैं। दोनों देश कई अंतरराष्ट्रीय मंचों एवं संस्थाओं ब्रिक्स, आईबीएसए, जी-20 और जी-4 के सदस्य हैं। भारत के साथ अपने रिश्ते की अहमियत दर्शाने के लिए ब्राजील ने पिछले साल भारतीय नागरिकों के लिए वीजा-फ्री यात्रा की घोषणा की। 

ब्राजील पर बढ़ी कच्ची तेल की निर्भरता
भारत कच्चे तेल का आयात दक्षिणी अमेरिकी देशों से भी करता है लेकिन वेनेजुएला में संकट उभरने के बाद भारत के कच्चे तेल की निर्भरता ब्राजील जैसे देशों पर बढ़ गई है। वेनेजुएला भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाला चौथा बड़ा देश है लेकिन ईरान और इस देश पर अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से भारत अन्य देशों से कच्चे तेल के आयात की संभावनाएं तलाश रहा है। भारत का हाल के समय में ब्राजील से कच्चे तेल का आयात बढ़ा है। भारत ने साल 2018-19 में ब्राजील से करीब 1.6 अरब डॉलर की कीमत के कच्चे तेल का आयात किया है।

चिकन उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती चाहता है ब्राजील
ब्राजील चाहता है कि भारत उसके चिकन एवं चिकन उत्पादों पर अपने आयात शुल्कों में कटौती करे ताकि वह भारत में बढ़ते पोल्ट्री उद्योग में अपने कारोबार का और विस्तार दे सके। भारत अपने चिकन उत्पादों पर 100 प्रतिशत और बिना कटे हुए चिकन पर 30 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाता है। ब्राजील और अमेरिका दोनों चाहते हैं कि उनके इन उत्पादों पर लगने वाले अपने आयात शुल्क में भारत कटौती करे। ये दोनों देश भारत के पोल्ट्री एवं चिकन उद्योग में अपना पांव जमाना चाहते हैं।   

भारत-ब्राजील के बीच 8.2 अरब डॉलर का हुआ कारोबार
भारत और ब्राजील के बीच द्विपक्षीय कारोबार की अगर बात करें तो 2018-19 में दोनों देशों के बीच 8.2 अबर डॉलर का व्यापार हुआ है। इसमें भारत ने 3.8 अरब डॉलर का आयात और 4.4 अरब डॉलर का निर्यात ब्राजील को किया है। दोनों देशों को लगता है कि वे नए क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशकर अपने कारोबार को और गति दी जा सकती है। बताया जाता है कि बोलसोनारो की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 15 समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।

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