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तबलीगी जमात की मरकज से देश क्यों मुश्किल में है, ये हैं तीन बड़ी वजहें

Updated Apr 01, 2020 | 10:12 IST

निजामुद्दीन में तबलीगी जमात की मरकत हुई जब इस तरह के कार्यक्रमों पर रोक लगाई थी। सवाल यह है कि क्या जानबूझकर देश को मुश्किल में डालने की कहीं कोई योजना तो नहीं थी।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
तबलीगी जमात की मरकज से देश में कोरोना का खतरा बढ़ा
मुख्य बातें
  • 17 मार्च को सामने आया तबलीगी जमात और कोरोना का पहला लिंक
  • तबलीगी जमात की मरकज में शामिल होने के लिए इस साल 2100 विदेशी आए भारत
  • निजामुद्दीन में तबलीगी जमात की मरकज से कोरोना संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ा

नई दिल्ली। निजामुद्दीन औलिया की दरगाह में तबलीगी जमात से जुड़े लोग अल्लाह का बातों का प्रचार करने के लिए मरकज में जुटे थे। लेकिन उस मरकज से जिस तरह की जानकारियां सामने आईं वो होश उड़ाने के लिए पर्याप्त है। देश के करीब 27 राज्य कोरोना संक्रमण का सामना कर रहे हैं और जिस तरह से तबलीगी जमात की मरकज में लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए और वो देश के अलग अलग हिस्सों में गए वो चिंता का विषय है।

बेलगाम रफ्तार से बढ़ता है कोरोना संक्रमण
कोरोना संक्रमण के बारे में जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबितक इसकी रफ्ताप एक्सपोनेंशियल तौर पर बढ़ती है। इसका अर्थ यह है कि अगर पहले किसी दो शख्स में यह संक्रमण है और वो दूसरों के संपर्क में आता है को संक्रमण की रफ्तार 2, 4, 6 और आठ की रेट से बढ़ती है। बता दें कि देश में पहले 3 कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान हुई थी। लेकिन अब यह संख्या 1500 के करीब है। 


तबलीगी जमात बड़ा खलनायक !

कोरोना पर लगाम लगाने के लिए 25 मार्च को पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया गया। अब अगर 25 मार्च से 31 मार्च के आंकड़े को देखें तो वो करीब 200 से कई गुना बढ़ चुकी। खास बात यह है कि पिछले तीन दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में करीब 400 का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही अगर आप 30 मार्च को स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव के बयान पर नजर डालें तो यह लोकल ट्रांमिशन के फेज में था। 

देश के सभी हिस्सों में फैल चुके हैं जमात से जुड़े लोग
तबलीगी जमात की मरकज से लोग निकल कर देश के अलग अलग हिस्सों में जा चुके हैं, यूपी के 19 जिलों इस खतरे का सामना कर रहे हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र के पुणे में करीब 50 ऐसे लोग हैं जिनके बारे में जानकारी नहीं मिल रही है। प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कि वो एक तरफ तो उन लोगों की पहचान कर सकेगा जो सीधे तौर पर मरकज में शामिल हुए होंगे। लेकिन ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनके बारे में यह पता नहीं है कि वो संपर्क में आए थे या नहीं। 

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