- पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए पीरजादा के साथ गठबंधन करना चाहते थे ओवैसी
- लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन में शामिल हो गए हैं अब्बास सिद्दकी, इससे ओवैसी को लगा झटका
- ओवैसी का कहना है कि सही समय आने पर वह बंगाल के लिए अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे
कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दिकी के लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन में शामिल होने से ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सियासी समीकरण को झटका लगा है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पीरजादा को लेकर बंगाल में बिहार जैसी सफलता हासिल करना चाहते थे लेकिन अब इस राज्य में वह अकेले पड़ गए हैं। अब उनका अगला राजनीतिक कदम क्या होगा इसके बारे में अभी उन्होंने कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा है। हालांकि, ओवैसी ने इतना जरूर कहा है कि वह सही समय पर अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे।
'मैं अकेला ही चला था...'
हैदराबाद में सोमवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने शायराना अंदाज में कहा, 'मैं अकेला ही चला था जानिब एक मंजिल मगर, लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया। मैं सही समय आने पर पश्चिम बंगाल चुनाव पर पार्टी की रणनीति का खुलासा करूंगा।' दरअसल, ओवैसी बिहार चुनाव की तरह बंगाल में भी सफलता दोहराना चाहते थे। इसके लिए वह फुरफुरा शरीद के पीरजादा सिद्दिकी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहते थे। सिद्दिका का राज्य की सैकड़ों मस्जिदों पर प्रभाव है।
अब्बास सिद्दिकी के साथ चाहते थे अलायंस
सिद्दिकी के साथ सियासी गठजोड़ के लिए उन्होंने गत जनवरी में उनके साथ मुलाकात भी की। पीरजादा ने भी ऐसे संकेत दिए कि वे ओवैसी के साथ अलायंस करेंगे। इस बीच सिद्दिकी ने इंडियन सेक्युलर फ्रंट नाम से पार्टी बनाई और लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन में शामिल हो गए। इससे ओवैसे के राजनीतिक मंसूबों को झटका लगा है। बंगाल में मुस्लिम मतदाता बंगाली बोलता है। ऐसे में ओवैसी की कोशिश स्थानीय छोटी पार्टियों को साथ लाने की है। अब उनके अगले सियासी कदम पर सभी की नजरें टिकी हैं।
पार्टी का विस्तार करने में जुटे हैं ओवैसी
इस समय ओवैसी अपनी पार्टी को विस्तार देने में जुटे हैं। गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव में उनकी पार्टी ने जीत दर्ज की है। एआईएमआईएम नेता का कहना है कि वह तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं आज राजस्थान जाऊंगा और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करूंगा। हमारे कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश में भी कठिन परिश्रम कर रहे हैं।' ओवैसी की पार्टी ने हाल ही में संपन्न हुए गुजरात नगर निगम चुनावों में अहमदाबाद में तीन सीटें जीती हैं। ओवैसी की पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी भी कर रही है।