- शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल होते रही यूपी के बंटवारे की न्यूज
- पीएम मोदी और सीएम योगी की मुलाकात के बाद लगे थे बंटवारे के कयास
- यूपी सरकार और पीआईबी ने किया वायरल न्यूज का फैक्ट चैक
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में इन दिनों सियासी हलचल तेज है और ऐसे में कयासों के बाजार भी गर्म हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लखनऊ में बीजेपी तथा संघ नेताओं की बैठक औऱ मुलाकातों का सिलसिला शुरू होता हो जो सीएम योगी आदित्यनाथ के दिल्ली दौरे के साथ खत्म होता है। जब सीएम योगी आदित्यनाथ दिल्ली में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह तथा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर रहे थे तो उसी दौरान यूपी के बंटवारे की एक खबर वायरल हो गई।
क्या था दावा
खबर में दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राज्य को दो या दिन हिस्सों में बांटने पर विचार हो रहा है। मैसेज में दावा किया गया कि पूर्वांचल को अलग राज्य बनाया जा सकता है। वायरल मैसेज में दावा किया गया कि योगी की पीएम से हुई मुलाकात के दौरान इस मुद्दे पर सहमति बनने वाली है। इतना ही नहीं मैसेज में यह भी कहा गया कि यूपी और केंद्र में बीजेपी के पूर्ण बहुमत वाली सरकार है ऐसे में प्रस्ताव को पारित करने में सरकार को कोई दिक्कत नहीं आने वाली है।
वायरल हुई थी खबर
जल्द ही यह खबर सोशल मीडिया से लेकर व्हाट्सऐप ग्रप्स तक पहुंच गई और लोग तरह-तरह से कयास लगाने लगे। यहां तक लोग सोशल मीडिया पर नए राज्यों की राजधानी भी खुद ही तय करने लगे। मैसेज वायरल होते ही उत्तर प्रदेश सूचना विभाग भी हरकत में आया और उसने मैसेज का खंडन करते हुए कहा कि यह पूरी तरह फेक न्यूज है और ऐसी भ्रामक खबरों का प्रसार करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
सूचना विभाग ने किया खंडन
सूचना विभाग के ट्वीट में कहा गया, '#FakeAlert: उत्तर प्रदेश के बंटवारे की खबर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल है। उत्तर प्रदेश के विभाजन को लेकर जताई जा रही आशंका निराधार है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भ्रामक खबरों का प्रसार करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।'
पीआईबी फैक्ट चैक
भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय यानि PIB ने भी वायरल न्यूज का फैक्ट चैक किया और पाया कि खबर पूरी तरह फेक है। पीआईबी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'एक खबर में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश को 2-3 हिस्सों में विभाजित करने और पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने पर विचार कर रही है। यह दावा फ़र्ज़ी है। केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश के अलग हिस्से करने से संबंधित कोई विचार नहीं कर रही है।'