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जो पहले सिपहसालार थे अब उन्हें ममता बनर्जी बता रही हैं गद्दार, कोलकाता, कट और कमीशन की राजनीति

Updated Feb 04, 2021 | 19:14 IST

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का कहना है कि जिन लोगों ने पार्टी को छोड़ा है वो सिर्फ अपनी संपत्ति बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

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ममता बनर्जी, सीएम, पश्चिम बंगाल
मुख्य बातें
  • पश्चिम बंगाल विधानसभा का कार्यकाल 30 मई को हो रहा है समाप्त
  • ममता बनर्जी के खास सहयोगी एक एक कर उनसे हो चुके हैं दूर
  • ममता बनर्जी ने अपने पुराने सहयोगियों को बताया गद्दार

कोलकाता। सियासत की सड़क सीधी नहीं होती है, ठीक वैसे ही सियासी भाषा और उनके मतलब समय के साथ बदलते रहते हैं अगर ऐसा ना होता तो पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के लिए उनके खास सहयोगी गद्दार नजर नहीं आते। ममता बनर्जी को अपने जिन सिपहसालारों पर भरोसा था जब उन्होंने अपना रास्ता बदला तो उनकी जुबां बदल गई। अब उनकी जुबां पर उनके सहयोगी रहे गद्दार नजर आ रहे हैं। उन्होंने परोक्ष तौर पर अपने बयान के जरिए इन आरोपों को बल दिया कि उनके राज में कट, कमीशन का बोलबाला है। 

ममता बनर्जी ने क्या कुछ कहा
बीजेपी टीएमसी के कुछ गद्दारों को साथ लेकर बंगाल जीतने का फॉर्मूला इस्तेमाल कर रही है। जो लोग भाजपा में जा रहे हैं उन्हें याद रखना चाहिए कि वे (भाजपा) दंगाई हैं। जो लोग वहां जा रहे हैं, वे अपनी संपत्ति और खुद को सुरक्षित रखने के लिए ऐसा कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने बहुत पैसा कमाया है।

ममता बनर्जी के ट्वीट के मायने
ममता बनर्जी के ट्वीट पर जानकार कई मतलब निकाल रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि जिस तरह से बीजेपी लगातार कट, कमीशन का आरोप लगा रही है उसके आरोपों को ममता बनर्जी पुष्ट करती हुई नजर आ रही हैं। ममता बनर्जी का यह कहना कि जो लोग टीएमसी छोड़कर दूसरे दलों में जा रहे हैं उन्हें अपनी संपत्तियों को बचाने की चिंता है। इससे जाहिर है कि टीएमसी के 10 वर्षों के शासन में सिर्फ अपने खजाने को भरा है। 

क्या ममता की पार्टी में थे गद्दार
ममता बनर्जी ने जब कहा कि टीएमसी के गद्दार ही बीजेपी का दामन थाम रहे हैं उससे वो संदेश दे रही हैं कि उन्हें पता नहीं चल सका कि आखिर कौन उनका खास था। और यदि इस तरह की प्रवृत्ति के लोग शासन और सत्ता में भागीदार बने रहे तो उसका असर बंगाल के विकास पर पड़ा और आम जनता की गाड़ी विकास की पथरीली राह पर तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 

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