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कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा पर गंभीर योगी सरकार, हमलावरों को 7 साल की जेल और 5 लाख रु. जुर्माने का प्रावधान

Updated May 06, 2020 | 13:35 IST

Yogi government ordinance for corona warriors: अध्यादेश के अनुसार कोरोना का यदि कोई मरीज अपने बारे में जानकारी छिपाएगा तो उसे 1 वर्ष से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा के लिए योगी सरकार लाई अध्यादेश।
मुख्य बातें
  • कोरोना वॉरियर्स पर हमले को जरा भी बर्दाश्त नहीं करेगी योगी सरकार
  • सरकार यूपी महामारी कोविड-19 नियमावली में संशोधन कर चुकी है
  • अब अध्यादेश लाकर कोरोना वॉरियर्स को दी नई सुरक्षा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के खिलाफ अभियान में जुटे कोरोना वैरियर्स की सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार काफी गंभीर है। कोरोना वॉरियर्स पर हमले के लिए दोषी लोगों को सख्त सजा देने का प्रावधान किया गया है। इसी क्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली कैबिनेट ने 'उत्तर प्रदेश लोकस्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020' पारित किया। इस अध्यादेश के तहत सफाई कर्मियों, सुरक्षा कर्मियों और प्रत्येक कोरोना वॉरियर को सुरक्षा दी जाएगी। योगी सरकार इसके पहले उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 नियमावली में संशोधन करते हुए कोरोना वॉरियर्स पर हमले को दंडनीय अपराध बना चुकी है।

कोरोना वॉरियर्स से अभद्रता पर 7 साल तक की जेल
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्यूंजय कुमार की ओर से उपलब्ध कराई गई सूचना के मुताबिक शासन की तरफ से तैनात कोरोना वॉरियर से से अभद्रता या उन पर हमला करने पर छह माह से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा दोषियों पर पचास हजार से लेकर 5 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। अस्पताल से यदि कोई भागता है तो उसे एक वर्ष से तीन वर्ष की सजा और दस हजार से एक लाख रुपए तक जुर्माना देना पड़ सकता है। इसी तरह अश्लील एवं अभद्र आचरण करने वाले को एक से तीन साल की सजा और पचास हजार से एक लाख रुपए तक का जुर्माना देना होगा। 

कोरोना बीमारी छिपाने पर होगी सजा
अध्यादेश के अनुसार कोरोना का यदि कोई मरीज अपने बारे में जानकारी छिपाएगा तो उसे 1 वर्ष से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है, और 50000 से एक लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। कोविड-19 का मरीज यदि जानबूझकर सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करते पाया जाएगा तो उसे 1 वर्ष से 3 साल तक की सजा और 50000 से 2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। अध्यादेश में चिकित्सकों, सफाईकर्मियों, पुलिस कर्मियों एवं किसी भी कोरोना वॉरियर्स पर थूकने, गंदगी फेंकने और आइसोलेशन तोड़ने पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही गई है। 

महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा
अध्यायदेश में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी शामिल होंगे। राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा। 

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