Yogi Adityanath Released Pension: कोरोना संकट की घड़ी उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने गरीबों और निराश्रितों के दर्द को समझते हुए मानवता की मिसाल पेश की। इस समय पर प्रदेश के गरीबों के हितों में योगी आदित्यनाथ एक के बाद एक सराहनीय फैसले लिए हैं। शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 86.71 लाख वृद्ध एवं विधवा महिलाओं, दिव्यांगों और अशक्तों को 871 करोड़ रुपये की मदद भेजी है। ऑल इंडिया रेडियो समाचार से मिली जानकारी के अनुसार, वतर्मान समय में किसी भी मुख्यमंत्री द्वारा ऑनलाइन हंस्तांतरित की गई यह सबसे अधिक राशि की मदद है।
मुख्यमंत्री ने खुद एक क्लिक से यह मदद सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजी है। योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा लाभार्थियों से बात भी की। अपने आवास 5 कालिदास मार्ग लखनऊ पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा- मैं सभी को धन्यवाद देता हूं कि वृद्धावस्था, निराश्रित महिला, दिव्यांगजन व कुष्ठावस्था पेंशन में एक साथ 86,71,781 लाभार्थियों के लिए ₹871 करोड़ 46 लाख 93 हजार की धनराशि आज विभिन्न विभागों द्वारा प्रदेश में रिलीज की जा रही है। गरीब कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर गरीब और वंचित तक जब समयबद्ध ढंग से प्रशासनिक मशीनरी पहुंचाती है, तो स्वाभाविक रूप से वह अपनी पीड़ा को भूलकर, समाज और देश की लड़ाई में सहभागी बनता दिखाई देता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस कार्यक्रम की सूचना एक दिन पहले ही सूचना निदेशक आईएएस शिशिर ने दे दी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक तरफ कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए लॉकडाउन का पालन कराने को कठोर फैसले ले रहे हैं, तो दूसरी तरफ प्रदेश के गरीब, मजदूर और निराश्रितों के लिए चिंतित भी हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के 02 करोड़ 18 लाख जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया था। सरकार ने 43 लाख 63 हजार 678 राशन कार्ड के जरिए 1,21,025 मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान का वितरण किया जिसमें से 24 लाख 72 हजार 692 राशन कार्ड के जरिए 78,947 मीट्रिक टन खाद्यान का वितरण निशुल्क किया गया। निशुल्क खाद्यान वितरण से प्रदेश के 1.17 करोड़ गरीब-मजदूर लाभान्वित हुए हैं।
मनरेगा मजदूरों को भेजे 611 करोड़
35 लाख दिहाड़ी मजदूरों तथा खोमचे वालों को प्रति महीने 1000 रुपये आर्थिक सहायता देने का आदेश योगी आदित्यनाथ ने दिया था और खाते में पैसे भेजे भी जा चुके हैं। वहीं योगी आदित्यनाथ ने मनरेगा मजदूरों के खाते में ₹611 करोड़ की धनराशि हस्तांतरित कर दी, ताकि कोरोना लॉकडाउन के दौरान किसी को भी खाने पीने की कोई दिक्कत ना हो।