करगिल: महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाला 30 वर्षीय एक इंजीनियर महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा का संदेश फैलाने के लिए कभी पैदल तो कभी साइकिल पर यात्रा कर रहा है। वह पांच महाद्वीपों में 46 देशों का सफर करते हुए यहां पहुंच गया है।एक आधिकारिक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि नितिन सोनवणे शनिवार को करगिल पहुंचे। उन्होंने कहा कि रविवार को उन्होंने लद्दाख स्वायत्त पर्वत विकास परिषद (करगिल) के अध्यक्ष एवं कार्यकारी पार्षद फिरोज़ अहमद खान, उपायुक्त और एलएएचडीसी (करगिल) के सीईओ संतोष सुखदेव और करगिल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) इनायत अली चौधरी से मुलाकात की।
बयान के मुताबिक, खान ने महात्मा गांधी के सत्य, सद्भाव और अहिंसा के सिद्धांतों का प्रचार करने के लिए पैदल या साइकिल से विभिन्न देशों की यात्रा करने के सोनवणे के समर्पण और प्रतिबद्धता की सराहना की।सुखदेव ने कहा कि सोनवणे का अद्भुत कार्य लोगों, खासकर युवाओं के लिए गांधीवादी सिद्धांतों और मूल्यों को समझने और उन पर अमल करने के लिए प्रेरणा साबित होगा।कारगिल के एसएसपी ने कहा कि उनकी यात्रा कई लोगों के लिए प्रेरणा होनी चाहिए कि कैसे "हम महात्मा गांधी के मूल्यों और सिद्धांतों को बढ़ावा देकर दुनिया में शांति और सद्भाव लाने में योगदान दे सकते हैं।"
बयान के अनुसार, सोनवणे ने 18 नवंबर, 2016 को महाराष्ट्र के वर्धा में सेवाग्राम आश्रम से अपनी यात्रा शुरू की और भारत, थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम, चीन, हांगकांग, मकाऊ, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, मैक्सिको ग्वाटेमाला, होंडुरास, अल सल्वाडोर, कोस्टा रिका, पनामा, कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरू सहित 20 देशों में साइकिल यात्रा की।
उन्होंने जापान, दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे, जाम्बिया, तंजानिया, रवांडा, युगांडा, केन्या, इथियोपिया, सूडान, मिस्र, स्कॉटलैंड, इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, स्पेन, जॉर्जिया, तुर्की, सर्बिया, अल्बानिया, मैसेडोनिया, मोंटेनेग्रो, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और अफगानिस्तान सहित 26 देशों में पैदल यात्रा की।
बयान के मुताबिक, वह अबतक साइकिल से करीब 25,000 किलोमीटर और पैदल तकरीबन 11,000 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं। उनकी यात्रा का समापन इसी साल दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की 152वीं जयंती पर दिल्ली के राजघाट पर होगा।